बंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की साइट पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस विमान में उड़ान भरी है। इस मौके पर, भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एचएएल के साथ एक करार पर हस्ताक्षर करके कुल 324 तेजस विमान खरीदने का निर्णय लिया है। यह एक बेहद महत्वपूर्ण विक्रेता अवसर है जो देश को तगड़ा बनाने के लिए महत्वपूर्ण एक्सपोजर देगा।
तेजस एक एकल-इंजन लड़ाकू जेट है जिसका निर्माण 1980 के दशक में आरंभ हुआ था। यह सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है और इसे भारतीय वायुसेना का ताज माना जाता है। तेजस का महत्वपूर्ण कारण इसके आरएवीएन (एयर रीकोनेंसन्स) और ईडब्ल्यू सूट (वेअरेबल वीयूए) होते हैं, जिसके कारण यह अपनी वर्ग में अत्यंत उत्कृष्ट है।
तेजस विमान एक पूर्णतः मिसाइल से लैस लड़ाकू विमान है, जिसमें हथियार वायु से जमीन पर गिराने की क्षमता है। यह विमान सुरक्षा के मामले में भी बेहद मजबूत है और कई पारियों में इससे कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी उड़ान के बाद इस अविस्मरणीय क्षण को गौरव के साथ स्वीकार किया और कहा, “गर्व है हम किसी से कम नहीं।” इससे प्रकट होता है कि भारतीय सुरक्षा क्षेत्र में हमेशा से यह विवेक की बात रही है कि देश की मजबूत वायुसेना होना आवश्यक है।
इस बातचीत के बाद एचएएल के सहयोग से हाल ने जगह-जगह जीवनदायी उपकरणों के विकास के लिए भी बड़े प्रयास किए हैं। इससे न सिर्फ नई प्रविष्टियों के निर्माण में मदद मिलेगी, बल्कि विमान उद्योग में नई रोजगार संभावना भी पैदा होगी। हाल ने इस क्षेत्र में पहले ही सेटअप को कर लिया है और इसके बाद और भी धेर सारे प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएंगे।
अब भारतीय सरकार की पहल में, तेजस विमानों की खारिदी को इतनी मात्राओं में नहीं बंद किया जा सकता है। जबरदस्ती से खरीदी गई हाल की तेजस विमानें सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं के हिसाब से उपयोगी साबित हो रही हैं। इससे प्रकट होता है कि तेजस विमान की उच्च प्रदर्शन क्षमता और महान तूफानी मोज़वेब केयर से यह बेफिक्री के साथ टास्क्स को संपादित कर सकता है।
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