सवाईकल कैंसर, जिसे रहस्यमय रूप से भी जाना जाता है, महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे अधिक प्रमुख कैंसर बन गया है। यह कैंसर गर्भाशय के मुंह को संक्रमित करता है और एचपीवी (HPV) संक्रमण से होता है। हालांकि, अगर इसे समय रहते पहचाना जाए, तो इसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। एक वैक्सीन है जो इस एचपीवी संक्रमण से बचाव करती है और इसे सवाईकल कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है।
यह कैंसर हर साल दुनिया भर में लाखों महिलाओं की मौत का कारण बन रहा है, और विशेष रूप से उन महिलाओं में जिन्होंने पहले स्तन कैंसर का आदान-प्रदान कर लिया है। इसलिए, इसकी पहचान और प्रतिरोधक क्रियाएं बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है।
पच्चीस वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं पीप टेस्ट करवा सकती हैं जो बिना किसी आपत्तिजनक लक्षण के सर्वांइकल कैंसर का पता लगाने में मदद करता है। यह जांच महिलाओं के जीवन को बचाने में मदद कर सकती है और साथ ही सिर्फ 10 मिनट का समय लेने वाली होती है। इसके अलावा, उपयुक्त जांचें सर्वांइकल कैंसर को पहचानने और इसका इलाज करने में मदद कर सकती हैं।
देश में हर आठ मिनट में एक महिला की सर्वांइकल कैंसर हो रही है, और इसके मामले यूपी और पूर्वोत्तर के राज्यों में चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। इसलिए, इस महामारी को रोकने के लिए प्रशासनिक तंत्र और स्वास्थ्य निदेशालय के सहयोग से देश में विभिन्न योजनाएं चलाए जा रही हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में, स्त्रियों को सुरक्षित रखने के लिए निदान और इलाज पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, महिलाएं अपने स्वास्थ्य के बारे में निदान और इलाज के लिए एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने का समय निकाल सकती हैं। हार्मोन के परिवर्तन के कारण इस कैंसर में लक्षण दिखाई दे सकते हैं, और डॉक्टर को उसे पहचानने और इसके सही इलाज के लिए संकेत देने के लिए उपयुक्त हैं।
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