E-पोस्टमॉर्टम: विदेशी बाजारों के संकेतों से कंपनियों ने अनुमानित असर को देखने की तैयारी की
तीसरे तिमाही के नतीजों की शुरुआत हो चुकी है और विदेशी बाजारों के संकेतों की बारेमें पता लगेगा। कंपनियों का मानना है कि विदेशी संकेतों की कमजोरी के कारण उन्हें अपने आंकड़े पर असर पड़ सकता है और मैनेजमेंट सतर्क बना रह सकता है।
टीसीएस की डॉलर रेवेन्यू में गिरावट का अनुमान है, इस बीच इंफोसिस की डॉलर रेवेन्यू में भी नीचे जाने की संभावना है। यह संकेत सामरिक इंफोसिस के लिए एक चुनौती बन सकती है, क्योंकि विदेशी मार्केट में गिरावट की संभावना बनी हुई है।
टीसीएस के सीसी रेवेन्यू में भी कमी की आशंका है, जो इंफोसिस की सीसी रेवेन्यू को भी प्रभावित कर सकती है। दोनों कंपनियों की मुनाफे मार्जिन में भी कमी की उम्मीद है।
वाणिज्यिक बाजारों में दोनों कंपनियों की गाइडेंस पर नजर रहेगी और वह इंवेस्टरों को आंकड़े प्रदर्शित करने की संभावना है। इसके साथ ही, बाज़ट, तिमाही और वित्त वर्ष के आउटलुक को भी देखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, विदेशी बाजारों के बढ़ रहे अस्पष्टता के कारण इंफोसिस के नतीजों को लेकर बाज़ार में चिंता पैदा हो रही है। साथ ही, कंपनी के प्रमुख मानव संसाधन अधिकारी और मुख्य प्रशासकीय अधिकारी के इस्तीफ़े के पीछे भी कोई कारण ढूंढ़ने की कोशिश की जा रही है।
E-पोस्टमॉर्टम की अनुमानित लेखक अनुराग सिंह ने इस संबंध में कहा, “नतीजों के प्रकाशन के साथ साथ बाजार सीनियर मैनेजमेंट के छोड़ने और एमओयू के रद्द होने की वजह समझने की कोशिश करेगा। इसकी वजह से बाजार में इंफोसिस को लेकर बहुत उत्सुकता है।”
वाणिज्यिक बाजार के लिए ये तीसरे तिमाही के नतीजे चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं, इसके चलते कंपनियों को सतर्क बने रहने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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