चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की जानकारी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल मचा दी है। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री ली कियांग इस सम्मेलन में भारत के दौरे पर जा रहे हैं। यह अहम समाचार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से सामने आया है। जिनपिंग द्वारा सम्मेलन में शामिल न होने एक महत्वपूर्ण वक्तव्य भी नहीं दिया गया है। चीन सरकार ने इसे लेकर कोई आधिकारिक या पाठपूजकी जानकारी नहीं दी है।
इस खबर के प्रकाशन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक झटका लग सकता है, क्योंकि वह खुद को एक विश्व स्तरीय नेता के रूप में स्थापित करने के प्रयास में हैं। इसके अलावा, भारत और चीन के बीच की सीमा विवाद भी इस हालत का एक कारण माना जा रहा है। इसे लेकर जी-20 सम्मेलन का महत्व और अति महत्वपूर्णता और्थान्तिक होगया है।
इसके अलावा, उत्सुकता और निराशा भी दिखती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की निराशा जताते हुए उत्सुकता भी जाहिर की गई है। वह अपने पहले महत्वपूर्ण विदेशी यात्रा पर जा रहें हैं और आशा है कि चीन से प्रतिस्पर्धा के बावजूद वे इस मुद्दे को दूर करने में सफल होंगे।
इस विवाद की वजह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी जी-20 सम्मेलन में भारत नहीं आएंगे। इस तरह से, तीन महत्वपूर्ण आधिकारिक व्यक्तियों की भागीदारी की गुम होने के फलस्वरूप इस बार का जी-20 सम्मेलन आदान-प्रदान में थोड़ा महत्त्वपूर्ण हो सकता है।
इस समाचार ने बाजार में तहलका मचा दिया है और लोगों के बीच इसका चर्चा गर्माई जा रही है। इस तरह की समाचारों से अंतर्राष्ट्रीय मामलों की प्रभावी चर्चा बढ़ती है। इसे नहीं जान पाने से जनता में उत्साह की कमी भी नजर आ सकती है।
यह खबर ‘E-Postmortem’ नामक वेबसाइट पर प्रकाशित हो रही है। इस न्यूज एर्टिकल संख्या 300-400 के अंदर हो रही है और लोगों को उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है।
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