एस. सोमनाथ ने अपने लेखक साइट ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ के लिए एक हिंदी समाचार आलेख तैयार किया है। समाचार लेख में उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं को स्थानांतरित किया है। लेख का मिनिमम शब्द संख्या 300-400 है।
“प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चल कर इतिहास रच रहा है। डीआईएसएलवी (ISRO) के अध्यक्ष, एस. सोमनाथ ने हाल ही में विक्रम लैंडर के सफल लॉन्चिंग के बाद घोषणा की कि प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर 100 मीटर तक चलता आ रहा है। यह सफलता भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर, जो लंबे समय तक गर्मी और शीतलता के बीच काम करेंगे, दोनों की सेहत सुधार रही है। प्रज्ञान रोवर ने अपने रास्ते पर आने वाले गड्ढों से बचने के लिए अपनी यात्रा का रास्ता बदल लिया है। इसके साथ ही, रोवर ने विक्रम लैंडर की एक शानदार फोटो भी ली है।
प्रज्ञान रोवर के पेलोड्स सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। इसका वजन 26 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 3 फीट, चौड़ाई 2.5 फीट और ऊचाई 2.8 फीट है। रोवर छह पहियों पर चलता है और विक्रम लैंडर की फोटो तस्वीरें नेविगेशन कैमरा से ली गई हैं।
इस अंतरिक्ष मिशन में प्रज्ञान रोवर के यंत्र और हिस्सों में संचार के लिए एंटीना मौजूद है और इसे गर्म माहौल में भी सही ढंग से काम करने के लिए वार्म इलेक्ट्रॉनिक्स बॉक्स लगा हुआ है। यही वजह है कि रोवर चंद्रमा की सतह के अलावा विक्रम लैंडर की फोटोग्राफी भी कर सकता है।
बिना संचार साधनों के, प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर यात्रा कर रहा है और महत्वपूर्ण तस्वीरें खींच रहा है। रोवर के निचले हिस्से में एक रोवर होल्ड डाउन मौजूद है, जिसकी मदद से अगर रोवर चलना बंद कर देता है, तो इसे एक ही जगह पर टिका रहना होगा।
यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण चरित्रधारी के रूप में प्रतिष्ठित करेगी। प्रज्ञान रोवर की सफलता से हमें गर्व महसूस हो रहा है और यह अग्ले चरणों में भी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन करेगी।”
यह समाचार आलेख वेबसाइट ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ पर प्रकाशित होने का इंतजार कर रहा है।
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