हर साल लाखों लोग विदेश जाते हैं बेहतर रोजगार के लिए। इसी वर्ष एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अमीर लोगों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। सबसे अधिक अमीर लोगों का देश छोड़ने का अनुमान चीन के लिए है, जहां कई अमीर लोगों ने देश छोड़कर अपने अन्यान्य व्यापारों में निवेश करने की योजना बनाई है। वैसे ये आंकड़े वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 में 6500 हाई नेट वर्थ इंडिविज़ुअल्स (HNI) के जाने की अनुमान लगा रही है। पिछले साल से तुलना करें तो 7500 भारतीय ने देश छोड़ दिया था। अमीर लोग अपना देश छोड़कर ऐसे देशों की ओर रुझान पसंद करते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हों ताकि उनकी आय का कोई भारी हिस्सा कटे नहीं। इस संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया सबसे ज्यादा पसंद होता है। इसके बावजूद, ब्रिटेन, रूस और भारत को भी अमीरों का लक्ष्य बनाने की उम्मीद है। वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक, अमीर व्यक्ति दूसरे देशों में व्यापारिक और वित्तीय उद्योगों में अधिक निवेश करने की चाहत रखते हैं। यहां रोजगार के और वर्क-लाइफ बैलेंस के मामले में भी सुविधाजनक माहौल होना चाहिए। ऐसे कहीं खास मुद्दों को देखते हुए जैसे कि टैक्स कटौती, अच्छे स्वास्थ्य सेवाएं, उच्च शिक्षा की व्यवस्था, अच्छी मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, अनुच्छेद ९८ जैसे कानूनों का कार्यान्वयन इन देशों में बढ़ाना चाहिए। भारत की बात करें तो २०२२ तक विदेश जाने की योजना रखने वाले अमीर व्यक्तियों की संख्या बढ़ सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे सरकार की राजस्व भी वृद्धि हो सकती है।
ये आंकड़े हमारे देश की स्थिति और भविष्य की धृष्टता को दर्शाते हैं और हमें इसका उचित समय का चिंतन करना चाहिए। वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के अनुसार दिनों कि सबसे बड़ी जरूरत हैं ताकि हमारा देश ऐसे नियम और प्रक्रियाएं बना सके जो अमीर लोगों को एक उच्च जीवन यापन का मौका देने में मदद कर सकें।
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