ई-पोस्टमॉर्टम के लिए समाचार: इजरायल-हमास संघर्ष में आईडीएफ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया, गाजा में 17 हजार से ज्यादा मरे गए
इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष में गाजा शहर के हेल्थ मंत्रालय ने दावा किया है कि इस जंग में 17 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस दावे के मुताबिक, जब सुरंगों में छिपे आतंकी और गोला-बारूद को इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने निशाना साधा, तो इसके पीछे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया गया है। IDF की नई प्रौद्योगिकी के अंतर्गत इस एआई सिस्टम का उपयोग करके, सुरंगों के नीचे छिपे हुए आतंकी परिश्रमी निशाना साधे जा सकते हैं।
अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण के रूप में IDF ने कंक्रीट का उपयोग किया है ताकि जो सुरंगें आतंकवादी उद्देश्यों के लिए बनाई गई हैं, वे कंपलेटली नष्ट कर दी जा सकें। यह कंक्रीट के साथ-साथ बिजली को भी जोड़ा गया है जिससे ये सुरंगें और ज्यादा मजबूत हो सकें। इस नई तकनीकी उपयोग का एक अहम उद्देश्य ये भी है कि IDF को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित इस सिस्टम के माध्यम से युद्ध प्रबंधन में सहायता मिलेगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के डॉुमेन में खुदरा एआई भी खतरे को लेकर चेतावनी देते हैं। एयरवॉर्स NS ने बताया है कि मशीन से लड़ना खतरनाक हो सकता है क्योंकि वे गलत डेटा भी प्रदान कर सकती है और अनुमानित नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह चिंता दुनियाभर के वैज्ञानिकों और नेताओं को सुरक्षित एआई प्रौद्योगिकी के लिए अधिक विश्वसनीय सत्यापन समारोहों की जरूरत हो गई है। अमेरिका, चीन, रूस, जैसे देशों में भी सैन्य आईए की रिसर्च और विकास प्रगति हो रही है।
इसके साथ ही, गाजा के हेल्थ मंत्रालय ने खुदरा युद्ध प्रौद्योगिकी के मुद्दे को लेकर भी घबराहट जताई है। IDF के इस नए उद्यम से, गाजा में सबसे अधिक क्षमता और शक्ति रखने वाले उपकरणों की खोज और निष्ठापूर्णता की आवश्यकता को लेकर पूछ रहे हैं। इसलिए, हेल्थ मंत्रालय की ओर से विशेषज्ञों द्वारा कांस्य सुरंगों, अवर्षणी क्वान्टिटेटिव और अवर्षणी स्वीकृति प्रोटोकॉल जैसी गाजा में खुदरा एआई प्रौद्योगिकी के उत्पाद के विकास के संबंध में निर्देशित हरेराम पुट्ठतूरु ने कहा है कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए, आर्थिक सहायता के माध्यम से अधिक वंचित वार्षिक साधनों के विकास के लिए IDF ध्यान देने के अलावा गाजा के हेल्थ मंत्रालय में विमानन करने वाली एआई प्रोजेक्ट की चर्चा भी की गई है। स्वास्थ्य सेवाएं प्रशासन, दावादार सूचनाओं का उपयोग, वित्तीय नेटवर्क सुरक्षा, डाटा सुरक्षा और शासन की दिशा में इंटेलिजेंट टेक्नोलॉजी के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्यों के संबंध में मंत्रालय और IDF के बीच सहयोग बढ़ाया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी के चलते मानव जीवन के सभी क्षेत्रों में तकनीकी और वैज्ञानिक उन्नति का संकेत है। इसी प्रकार, युद्ध प्रौद्योगिकी द्वारा अपने उपकरणों की प्रभावी निर्माण करने के लिए भी देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपना जोर दिया है। ऐसे सुरक्षा तकनीकी और विपणन योजनाएं प्रदान करने के लिए एआई प्रौद्योगिकी में नवीनतम अभ्यास किए जा रहें हैं। इसका ही उदाहरण अमेरिका, चीन और रूस जैसे शक्तिशाली देशों में देखा जा रहा है, जहां युद्ध के क्षेत्र में एआई पर गहराई से रिसर्च की जा रही है।
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