सभापति द्वारा जारी निर्देश के बाद सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले सांसदों को संसद के तौर-तरीकों से अवगत कराने का फैसला किया गया है। इससे पहले राज्यसभा के सत्र के दौरान नोटिस देकर विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए सदस्यों को तैयार होने की भी सूचना मिली है।
सभापति ने सदस्यों की मिलीभगत करके नोटिस स्वीकार करने की प्रक्रिया की तय की है। नोटिस की कार्यवाही के दौरान उन्होंने सदस्यों से भी मुलाकात की है। समाचार स्रोतों के अनुसार, राज्यसभा द्वारा सांसदों को निर्देश दिया गया है कि वे दूसरे सांसदों के साथ नोटिस के बारे में जानकारी न बांटें।
नोटिस को सार्वजनिक करने से पहले सभापति की मंजूरी लेने की जरूरत होगी। सभापति ने सांसदों को अनावश्यक और विवादित विषयों से दूर रहने का भी प्रयास करने की अपील की है। पिछले सत्र में विशेष तौर पर विपक्षी सांसदों ने नोटिस को सार्वजनिक करके विवादों को एक नया मुद्दा बनाया था।
सांसदों को नोटिस की सूचना को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए और सभापति को मंजूरी देने से पहले सत्र के तैयारियों को पूरा करना होगा। नये सत्र में सांसदों को अपने कर्तव्यों के प्रति सक्रिय रहने की अपील की गई है। यह सांसदों के लिए एक अच्छा मौका है कि वे देश के मुद्दों पर विचार विमर्श कर सकें और सार्वजनिक हित में निर्णय ले सकें।
नोटिस से सम्बंधित सांसदों को आगे बढ़कर सहयोग करना चाहिए ताकि सत्र में सुचारू रूप से काम हो सके और देश के मुद्दों पर चर्चा हो सके। नोटिस जारी होने का एलान कर देने से पहले सभी सांसदों को इस बारे में सुनिश्चित करना चाहिए कि वे विपक्षी सांसदों के साथ प्रभावी तरीके से सहयोग करें और कार्यसमिति के आदेशों का पालन करें।
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