महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिली है। इस बिल को पहले लोकसभा और राज्यसभा से पारित किया गया था। अब इसे राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद राज्यों से भी मंजूरी लेनी होगी। बिल की पास होने के बाद जनगणना होगी और फिर यह बिल कानून बनेगा।
इस बिल का लागू होने के बाद महिलाओं को 33 प्रतिशत की आरक्षण मिलेगी। यह बिल सर्वसम्मति से पास किया गया है और इसे महिलाओं के लिए उन्नति की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति माना जा रहा है। इस बिल को लागू होने के लिए इसे तीन अहम पड़ाव पार करने होंगे। पहला पड़ाव है राज्यों से मंजूरी लेना, दूसरा पड़ाव है जनगणना और तीसरा पड़ाव है परिसीमन कार्यक्रम पूरा करना।
हालांकि, जनगणना से पहले यह बिल पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सकता है। इसके पास होने के बाद परिसीमन होना जरूरी है और बिल का पूरी तरह से लागू होने के लिए परिसीमन कार्यक्रम पूरा किया जाना चाहिए। वर्ष 2026 तक परिसीमन पर रोक है, लेकिन इसके बाद से परिसीमन किया जा सकेगा।
महिला आरक्षण बिल के पास होने से लोगों में उत्साह बढ़ा है। इसके माध्यम से महिलाओं को अधिक से अधिक नौकरी के मौके मिलेंगे और समाज में समानता की बढ़ेगी। यह कदम महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति है और यह समाज की सोच और संरचना में बदलाव लाएगा।
इस खबर के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं कि महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिली है और यह बिल जल्द ही कानून बन जाने वाला है। इससे महिलाओं को 33 प्रतिशत की आरक्षण मिलेगी और उन्हें नौकरी के अधिक मौके मिलेंगे। हमें गर्व हो रहा है कि इसके पास होने से यह उन्नति की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति बन गयी है। इस बिल को लागू होने के लिए अब इसे राज्यों से मंजूरी और परिसीमन कार्यक्रम पूरा करना होगा। इस बिल के पूरी तरह से लागू होने का इंतजार अभी थोड़ा समय बाकी है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि यह पूरा होकर देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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