गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच चल रही नई जंग मुद्दे पर चर्चा के बीच। आपसी नोकझोंक के बावजूद, दोनों सफाई कर रहे हैं खुद को। गंभीर द्वारा दिया गया एक भद्दा इशारा सुर्ख़ियों में है आजकल। गंभीर ने इसे देशभक्ति के नारों का जवाब देने के रूप में बताया है। उन्होंने इसकी वजह बताई कि उन्हें लड़ाई से पेड़ हॉने की इच्छा थी और वह उसे सही ढंग से समझाने की कोशिश कर रहे थे।
गंभीर और कोहली के बीच पहले से ही वर्बल जंग चल रही है। इसमें कहीं ना कहीं, उनके बीच का सांडे का सामरिक मैच शुरू हो चुका है। यह जंग वनडे क्रिकेट मैच के दौरान से शुरू हुई थी और अब यह उनके रिश्ते को खतरे में डाल सकती है।
दरअसल, गंभीर का झगड़ा कोहली के साथ उनकी कोचिंग संघ के चयन पर हुआ। गंभीर की मान्यता थी कि कोहली को कोचिंग संघ के चयन के बाद उन्हें एक सत्यापन देने की जरूरत थी, जो कि कोहली नहीं कर पाए। इसे गंभीर ने भेदभाव और बिगड़े रिश्ते की और इशारा करते हुए बताया है।
इस विवाद के चलते आर्मी के जवानों की बारह-तारिक़ कोहली की अवार्ड वापस लेने की मांग की गई। सोशल मीडिया पर भी इस विवाद ने छाया है और लोगों में इसके बारे में दो-टुक प्रतिक्रिया हो रही है।
इस घटना में दोनों खिलाड़ी न्यूज़ वेबसाइट्स और पत्रिकाओं द्वारा हुई रिपोर्टिंग के खिलाफ कड़ी निंदा कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि उन्होंने कोई भद्दा इशारा नहीं किया था और उन्होंने कोई भी भाषा या बेईमानी इस्तेमाल नहीं की थी। यही नहीं, दोनों ने बताया है कि उन्होंने दिल्ली की प्रेम की भावना को प्रभावित नहीं किया था।
इस नई घटना के बाद, देशभक्ति और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर फिर से चर्चा बढ़ी है। यह घटना हमें ये याद दिला रही है कि क्रिकेट न केवल एक खेल है, बल्कि ये एक विभाजनकारी तत्व भी हो सकता है।
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