विटामिन D त्वचा, हड्डियों और मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण है। यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, इसकी कमी से शरीर के लिए कई समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन D की कमी से ओस्टियोपोरोएसिस, रिकेट्स, डिप्रेशन, बिपोलर विकार, मस्तिष्क की समस्याएँ और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
विटामिन D का एक और संक्रमण से भी सीधा संबंध होता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो तो आपको इन्फेक्शन से जूझना पड़ सकता है। स्टडीज में यह साबित किया गया है कि विटामिन D कमी वाले रोगी ज्यादातर इन्फेक्शन की ओर मुख्यतः फ्लू के इलाज की बात कर रहा है।
विटामिन D की कमी से बचने और इससे बचाव के लिए आपको धूप में बहुत समय बिताना चाहिए। धूप विटामिन D का मुख्य स्रोत होती है और अपने शरीर को इसे उपचारकारी रूप से बनाने के लिए धूप में ढलने की आवश्यकता होती है। बुनियादी ढांचे द्वारा विटामिन D की खुराक कई तत्वों पर निर्भर करती है, जिनमें शौच तकनीक, त्वचा का रंग, मौसम और साल के समय का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।
शरीर में विटामिन D की कमी का पता लगाने के लिए डॉक्टर सलाह लेना बेहद जरुरी है। यदि आपको कमाने के दिनों में लगातार थकान और ऊब आती है तो आपको इसे खुद करीबी चिकित्सक की सलाह के आधार पर जांचना चाहिए। प्राथमिक परीक्षण कराने के लिए आपको खून देने की आवश्यकता होती है, जो आपके विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा किया जा सकता है।
ध्यान दें कि विटामिन D की कमी के लक्षणों को अनदेखा करने से बचें और इसे जरुरत के अनुसार पूरा करने के लिए धूप में समय बिताएं। इससे आप अपनी त्वचा, हड्डियों और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं।
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