खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण नवंबर में भारत में खुदरा महंगाई दर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इस वृद्धि के पीछे खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुए वृद्धि का तात्पर्य रखा जाता है। खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी को लेकर भी खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया गया है। नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 8.70 प्रतिशत रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के स्वीकार्य दायरे की भीतर मुद्रास्फीति की वृद्धि दर्ज की गई है। तथापि, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए एमपीसी को चेतावनी दी है कि वे उचित नीतिगत कदम उठाएं।
2023 के अक्तूबर में, भारत में औद्योगिक उत्पादन 11.7 प्रतिशत पर पहुंच गया है। विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि के पीछे भी खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि का कारण है। यह महंगाई दर मामला नवंबर के मुख्य वजह के रूप में उभरा है।
आधिकारिक तहों के द्वारा घोषित इस महंगाई का मुद्रास्फीति और उत्पादन में वृद्धि दर को देखते हुए, अधिकारिकों ने सुझाव भी दिए हैं कि उचित नीतिगत कदम उठाए जाएं। खाद्य महंगाई दर में प्रशासनिक और नीतिगत बदलाव के संकेत के रूप में विचार विमर्श करने की जरूरत है। खाद्य कीमतों की मंदी के साथ एक ऐसे नीति की जरूरत है जो उत्पादन के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी और सुरक्षितता भी सुनिश्चित करेगी।
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