जी20 सम्मेलन में भारत ने दिखाया अपना बल और सामरिकता। इस सम्मेलन में 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले रहे थे और भारत ने अपने सामरिक बल के जरिए दूसरे देशों को दिखाया कि वह कितना महत्वपूर्ण और मजबूत देश है। भारतीय रक्षा और सुरक्षा बल ने मुख्यतः माहिरी और उत्कृष्टता के लिए पुरस्कारों की सृजना की है। यह सम्मेलन एक अद्वितीय समानांतरता से नवाचारी सोच को प्रदर्शित करता है और एक संक्षिप्त शब्द में कहा जा सकता है कि भारत अपनी राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
राष्ट्राध्यक्षों ने नमस्ते करके भारतीय संस्कृति को स्वीकार किया। इस सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों ने भारत की संस्कृति का स्वागत किया और उसका प्रशंसा की। इस सम्मेलन ने विविधता और संयम को दिखाने का एक अद्वितीय माध्यम प्रदान किया है जहां भारतीय संस्कृति ने एक बहुआयामी प्लेटफॉर्म प्राप्त किया। राष्ट्राध्यक्षों ने आदिवासी वेशभूषा पहनकर भारतीय संस्कृति को प्रतिष्ठा दिलाई और सामाजिक सरोकार उठाया। इस प्रकार, वे भारत के सभी सन्देशों को गर्व से प्रस्तुत करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में कई राष्ट्राध्यक्ष और उनकी पत्नियों ने नमस्ते किया। इस समारोह में भारत के प्रधानमंत्री ने विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत किया और उन्होंने भावभीनी प्रस्तुति की। इस अवसर पर राष्ट्राध्यक्षों और उनकी पत्नियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर् अपने सहभागियों को मान्यता दी। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत ने अपनी अतुलनीय अतिथि प्रबंधन योजना का पालन किया है और उसने दूसरे देशों के साथ मजबूत और दूरस्थ मित्रता का संदेश दिया है।
कोणार्क चक्र की प्रतिमा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस सम्मेलन में कोणार्क के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर की प्रतिमा के द्वारा पूर्वी में भारतीय कला की प्राकृतिक कमाल को महसूस किया गया। यह प्रतिमा अपने अतुलनीय बनावट के लिए उच्च स्तरीय इंजीनियरिंग, शिल्पकला और प्राकृतिक सर्जरी की उच्चतम मान्यता प्राप्त की है। इससे यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि भारत अपनी अद्वितीय और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए गर्व महसूस करता है और उसने इसे पूरी दुनिया के सामरिक स्तर पर प्रशंसा की है।
वीडियो में इन सभी घटनाओं का संक्षेप मिलेगा।