उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आई है। इस बाढ़ के कारण 14 लोगों की मौत हो गई है, जो सभी आम नागरिक हैं। इसके अलावा, अब तक 100 से अधिक लोग लापता हैं और 26 लोग जख्मी हुए हैं। इस हादसे के पश्चात लोगों की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) की टीम को भेजा जा रहा है।
यह बाढ़ के चलते कई पर्यटक फंस गए हैं। लोगों की सुरक्षा के मामले में सक्रिय होने के लिए स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि उनके परिवार सदस्य उसे संपर्क कर सकें।
जबकि सरकारी अधिकारी इस घटना के कारणों का पता लगाने में लगे हुए हैं, अभी तक किसी भी आधिकारिक बयान का इंतजार किया जा रहा है। लापता लोगों की खोजी कार्य में भी सरकार सक्रिय रही है, और उन्हें जल्दी से जल्दी ढूंढ़ने के लिए उचित संसाधन प्रदान कर रही है।
इस बाढ़ के प्रभाव से संचार व्यवस्था ठप हो गई है और कई सड़कों और पुलों को बाढ़ ने नष्ट कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, प्रमुख राजमार्गों पर भी बाधित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन ने ठप्प हुई संचार व्यवस्था को ठीक करने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि एनडीआरएफ के साथी नदियों का उपयोग किया जाए।
इस घातक घटना के पश्चात राज्य सरकार ने सुरक्षा के मामले में ज्यादा सतर्कता बढ़ाई है और लोगों को बाढ़ की आपदा से बचाने के लिए अवसर प्रदान करने के लिए सुनिश्चित किया है। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच कर उन लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की आश्वासना दी है, जिनके अव्यवस्थित कारणों से यह घटना हुई है।
वर्तमान में बाढ़ के प्रभाव से प्रभावित हुए क्षेत्रों में अगस्त 2021 तक बाढ़ से चरम पर रहना अपेक्षित है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है और उन्हें सभी सस्त्रों का प्रयोग कर अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखने का आग्रह किया जा रहा है।
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