मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में अधीर रंजन के सस्पेंशन मुद्दे को उठाया और कहा कि नेरव मोदी पर कुछ कहने में क्या बुराई है। इससे कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनाव का दौर शुरू हो गया है। इस मामले में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर ज्यादा चर्चा हो रही है। कांग्रेस नेताओं ने सस्पेंशन को अनुचित बताया है।
ताजा खबरों के अनुसार, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में जाकर उठाए गए मुद्दे पर रेखांकित किया है। आदिवासी विभाजनकारी बैनर के नेता अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड करने के निर्णय को उन्होंने नकारा है। उन्होंने कहा कि नेरव मोदी पर कुछ कहने में क्या बुराई है, जो उसे सस्पेंड किया जा रहा है।
इस मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव का दौर शुरू हो गया है। दोनों पक्षों के नेताओं ने एक दूसरे पर आपसी अभियान चलाते हुए इस मुद्दे को न तोरा है और न बोरी में बंधा है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर आमने-सामने केंद्रित हो रही है।
कांग्रेस के मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने दूसरी ओर बीजेपी को इस मामले में गलत कहकर शर्मिंदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक लेडी पार्टी को इस तरह के निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने भी सस्पेंशन को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा कि अंतिम बयान को नहीं, बल्कि मुद्दे को देखते हुए उन्हें समझना चाहिए। वे और उनके पक्ष के लोग यह कह रहे हैं कि नेरव मोदी के खिलाफ खुद को समझाना उनका कर्तव्य है।
इसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस के नेताओं ने अधीर रंजन चौधरी का सस्पेंशन अनुचित बताया है और इस निर्णय की तीव्र आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जनता को नेरव मोदी के व्याख्यानों से बचाने का हक है और कांग्रेस का नेतृत्व यह कर रहा है। उन्होंने भी दावा किया कि कांग्रेस को नेरव मोदी के खिलाफ उठते हुए मुद्दों में केवल विरोध नहीं, सत्य की रक्षा करने का अधिकार भी है।
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