अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में हिरासत में रखा गया है, और इस हालत में उन्हें 15 दिनों की न्यायिक हिरासत मिली है। उन्हें जमानत नहीं मिलने के मामले में उनकी हिरासत की अवधि बढ़ सकती है, जैसे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के मामलों में हुआ था।
केजरीवाल ने जेल जाने से पहले कोर्ट में अपने बयान दिया और उन्होंने कुछ किताबें भी मांगी हैं। उन्हें जेल में रहते हुए रामायण, भगवद गीता, और पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब पढ़ने की इच्छा है।
केजरीवाल की जेल में रहने की पॉलिटिक्स में आतिशी है और उनकी साथी सौरभ भारद्वाज के साथ मिलकर वे चालें चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी सरकार के कामकाज पर जेल जाने से बड़ी उलझन है और इससे संविधानिक प्रमाण भी प्राप्त होगा।
जेल के बाद की स्थिति का संदेश हो सकता है, इसलिए यह देखना बहुत महत्वपूर्ण है कि जेल से उन्हें कैसे निकलने पाते हैं। उनके जेल में रहते समय में किसी भी प्रकार की और उलझन का सामना करना पड़े तो यह कितना सुझावनीय होगा, यह देखना लखरहा है।
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