दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सेल्फ-रेलायंस और अपनी शक्ति बढ़ाने की दिशा में भारत की कदम रखने के लिए एक स्वतंत्रता संगठन की घोषणा की गई है। इस संगठन का उद्देश्य, देश के लोगों को उनकी आपसी खरीददारी को बढ़ावा देना है। यह संगठन विभिन्न क्षेत्रों में वस्त्रों से इलेक्ट्रॉनिक्स तक की चीजों का निर्माण करेगा। इसके लिए भारत सरकार ने इस संगठन को प्राथमिकता दी है और इसे स्वायत्तता से चलने वाला घोषित किया है।
इस संगठन के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के नेताओं की हुनरमंदी सम्मिलित होगी। यह संगठन अपने उत्पादों को देश और विदेश में विकसित करने के लिए भारतीय उद्योग को समर्थन देगा। इसके माध्यम से देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इस संगठन का उद्देश्य भारतीय उत्पादों की प्रमुखता को बढ़ाना भी है ताकि स्वदेशी अभियान में ताकत बढ़े। इस संगठन के द्वारा भारत में विकसित होने वाली नई तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय उद्योगों को नई व्यापारिक मौके मिलेंगे।
इसके अलावा, यह संगठन भारत के लोगों को अभियांत्रिकी की क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भारत ने अपनी आपातकालीन जरूरतों को खुद पूरा करना सीखा है और इस संगठन के माध्यम से वे वैज्ञानिकों, उद्योगपतियों और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को बढ़ावा दे रहे हैं।
आशा है कि यह संगठन देश के विभिन्न क्षेत्रों में नयी गतिमान और नई रोशनी की प्रवाह को बढ़ावा देगा। इससे न केवल देश में रोजगार के मौके मिलेंगे, बल्कि इससे उद्यमीता बढ़ेगी और देश की संप्रभुता में वृद्धि होगी। यह संगठन न सिर्फ बढ़ोभारती को सर्वोच्चता देगा, बल्कि भारत को ग्लोबल स्तर पर गर्व का स्थान दिलाएगा।
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