इजरायल-हमास जंग के बीच UN में युद्ध विराम का प्रस्ताव पास हुआ। प्रस्ताव में बताया गया है कि इस संघर्ष की खत्मी के लिए 10 दिनों की सैन्य विरामबिंदु लगाया जाएगा। इस प्रस्ताव को पक्ष में 120 वोटों के साथ अच्छाई से मंजूरी मिली है। जहां वर्दीधारी देशों ने इसे समर्थन दिया है, वहीं कुछ विरोधी देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ थर्राए हैं। प्रस्ताव के विरोध में केवल 14 वोट पड़े हैं, जो कि इसे मजबूती से करार देते हैं।
भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और वोटिंग लिस्ट में 45 देशों के बीच भारत भी शामिल है, जिसमें भारत ने भी विराम के पक्ष में वोटिंग की है। भारत की यह वोटिंग ज्ञाति बताती है कि विश्वभारतीय समुदाय भी युद्ध विराम की मांग में एकजुट है और सुरक्षा और शांति के पक्ष में है।
इस विराम प्रस्ताव के माध्यम से UN ने दोनों पक्षों को बातचीत का मौका दिया है और इस संघर्ष का एक ठोस रास्ता ढूंढने का प्रयास किया है। यह माध्यम दोनों पक्षों को एक बार फिर से मिलने और सुधार करने का मौका देता है। अब इस पर संघर्षकर्ताओं की बारी है कि वे इस युद्ध के खत्म होने के बाद भारत की सैन्यता और स्थायित्व की पक्ष में बातचीत करें और समझौता करें। यह वोटिंग UN और युद्धकर्ताओं के बीच संकट को समाधान की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस घटना के द्वारा एक बार फिर से साबित हुआ है कि UN एक महत्वपूर्ण एजेंसी है, जो देशों के बीच संकटों को हल करने का संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है। संकटों के समाधान के लिए बातचीत और विराम की यह प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकेत यहां इस कार्यक्रम के द्वारा दिया गया है। यह संकेत है कि विश्व के जीवन में विराम बहुत महत्वपूर्ण है और हमें इसे बढ़ावा देना चाहिए। यह संकेत भारतीय न्यूज़ पोर्टल ‘E-पोस्टमार्टम’ के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है।