अंडे के छिलके का रंग मुर्गी की नस्ल से निर्धारित होता है। इस बात का असर अंडों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। मुर्गियों की रहने की स्थिति भी इस प्रोफ़ाइल पर प्रभाव डालती है।
शुरू करते हैं अपनी बात आई पोस्टमार्टम के अंदर। हम यहां आपको बताएंगे कि अंडे का पोषण मुख्य रूप से मुर्गी के आहार से प्रभावित होता है। इस आहार में प्रोटीन, विटामिन और खनिज समेत आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए, यदि मुर्गियों का आहार सही है तो वे अच्छी क्वालिटी के अंडे देंगी।
यहां पर सवाल आता है कि भूरे और सफेद अंडे में कितने पोषक तत्व होते हैं? तो उत्तर है कि दोनों में ही प्रोटीन, विटामिन और खनिज समेत आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
इसके अलावा, भूरे अंडों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक हो सकती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इसलिए, यदि आप अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहते हैं, तो भूरे अंडे आपके लिए अच्छे होंगे।
और यदि हम विटामिन डी की बात करें, तो अंडे विटामिन डी का अच्छा स्रोत होते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। विटामिन डी की कमी से हड्डियों के नुकसान हो सकते हैं और यह पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में बांध जाती है।
तो क्या आपने देखा? अंडे में होने वाले पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और वैसे देखा जाए तो मुर्गियों को भी उच्च गुणवत्ता की आवाज देने के लिए सही रखावंदी का प्रोत्साहन देना चाहिए। इससे साथ हो गया, हमें पता चलता है कि अंडे के छिलके का रंग भी मुर्गी की नस्ल और उसके रखावंदी के शर्तों पर निर्भर करता है।
पोस्टमार्टम टीम ने कहां कि यदि अंडे का रंग गहरा और मजबूत होता है, तो वह मुर्गी की सेहत को दर्शाता है और स्वास्थ्यवर्धक पोषण प्राप्त करता है। अगली बार जब आप अंडे खरीदें, तो अंडों के रंग का ख्याल रखें और सुनिश्चित करें कि आप वे उन मुर्गियों से खरीद रहे हैं जिनके रंग मजबूत और गहरा हैं।
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