मच्छरों का प्रकोप बढ़ना स्वाभाविक है जब मानसून शुरू होता है। यह अद्यावधिक रूप से सत्रहित घटना होती है क्योंकि मुंगेर के विभिन्न क्षेत्रों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके कारण डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के खतरे भी बढ़ रहे हैं।
मलेरिया विभाग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उपायों के साथ मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान की जागरूकता कराई है। इसके लिए, लार्वीसाइड छिड़काव और दूसरे उपाय इस्तेमाल किए जा रहे हैं। यह कार्य 20 जुलाई तक चलेगा। मलेरिया विभाग ने दो दलें तैयार की हैं, जिसमें कर्मचारी भी शामिल हैं।
इसके साथ ही, मच्छर से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उचित जींदीलगी और मौसमी सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। वातावरण संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि मच्छरों को प्रजनन के लिए आवास और आहार की आवश्यकता कम हो सके।
डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर-बोर्न बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के प्रयास तेजी से बढ़ रहे हैं। मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान और नष्ट करने के उपायों पर दिया गया ध्यान इस संबंध में महत्वपूर्ण है। अगर नगर निगमों और विशेषज्ञों के द्वारा यह मुद्दा समय पर नहीं संभाला जाता है, तो बढ़ता हुआ मच्छरों का प्रकोप संभवतः और तेजी से बढ़ सकता है।
इसलिए, लोगों को सावधान रहने के साथ स्वस्थ्य मंत्रालय और मलेरिया विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए। बीमारी से बचाव के लिए अपने घर को रखे स्वच्छ और नगर निगमों की सोची समझी स्वच्छता अभियान में अपना योगदान दें। इस तरह संगठनता से किये गए प्रयासों से हम एक स्वस्थ और सुरक्षित मानसून का आनंद उठा सकते हैं।