हीमोग्लोबिन के स्तर का बार-बार कम हो जाना ब्लड कैंसर की शुरुआत का संकेत हो सकता है। जब ब्लड या अस्थि मज्जा में स्टेम कोशिकाओं में बदलाव होता है, तो ब्लड कैंसर की शुरुआत हो सकती है। हीमोग्लोबिन की कमी से ब्लड कैंसर, बोन मैरो कैंसर और एप्लास्टिक एनीमिया का खतरा हो सकता है। हीमोग्लोबिन के स्तर की मात्रा हमारे शरीर के लिए जरूरी होती है, इसके गड़बड़ाने पर शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। कम हीमोग्लोबिन के लक्षणों में कमजोरी, थकान, सास लेने में परेशानी, सिरदर्द, हाथ पैरों का ठंडा होना, त्वचा का पील पड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी शामिल हो सकती है। हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, सूखे मेवे और नट्स, विटामिन-बी12 और खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए।
आधारभूतता से कह सकते हैं कि हीमोग्लोबिन के स्तर की कमी शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसके बारे में ध्यान न देने पर, यह कई गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकती है। हीमोग्लोबिन, जो कि एक प्रकार का प्रोटीन है, हमारे शरीर में जटिल कार्यों के लिए जिम्मेदार है। यह ब्लड को ऑक्सीजन लेने और इसे पूरे शरीर में पहुंचाने का काम करता है। लेकिन, कई बार हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी हो जाती है और इसका कारण कभी-कभी ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
यदि हीमोग्लोबिन के स्तर में घटाव हो, तो अस्थि मज्जा में स्टेम कोशिकाएं बदलाव कर सकती हैं, जिससे ब्लड कैंसर की शुरुआत हो सकती है। ब्लड कैंसर के अलावा, ये कमी बोन मैरो कैंसर और एप्लास्टिक एनीमिया से भी जुड़ी हो सकती है। हीमोग्लोबिन के स्तर कार्यप्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसकी कमी से शरीर के सारे कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
कम हीमोग्लोबिन के लक्षणों के मद्देनजर इन्हें महसूस किया जा सकता है। ये लक्षण शामिल हैं: कमजोरी, थकान, सास लेने में परेशानी, सिरदर्द, हाथ पैरों का ठंडा होना, त्वचा का पील पड़ना, मांसपेशियों में कमजोरी। हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे की हरी सब्जियों, दाल, अंडा और दूध, सूखे मेवे और नट्स, विटामिन-बी12 और खट्टे फलों का सेवन कर सकते हैं।
यह जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित चेकअप करवाएं। हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच और सही खाद्य पदार्थों का सेवन करके आप इस लक्षण से बच सकते हैं। इसके अलावा, इसी बारे में डॉक्टर की सलाह लेना भी जरूरी हो सकता है।
हमारे स्वास्थ्य का ध्यान रखें और ऐसी बीमारियों की कहानी को जानें, जो आपके आसपास हो सकती हैं, ताकि आप सही और स्वस्थ रहें।