अरविंद केजरीवाल ने ईडी के तीसरे समन का बदला लेते हुए कहा है कि वह ईडी दफ्तर नहीं गए हैं। इसके बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि अगर वह दफ्तर पहुंचने के बजाए बाहर रहेंगे तो ईडी के अधिकारी उनके घर पहुंच सकते हैं। यहां तक कि उन्हें पूरे परिसर पर तलाशी अभियान भी चला सकती है। अगर पुख्ता सबूत हो जाते हैं तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
जहां तक प्रक्रिया की बात है, ईडी कई पथ पर चल सकती है। पहला कदम हो सकता है कि वह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमानती वारंट के लिए कोर्ट के पास जाएं। दूसरा कदम हो सकता है कि ईडी गैर-जमानती वारंट के लिए भी कोर्ट के पास जाए। और तीसरा कदम हो सकता है कि ईडी केजरीवाल की गिरफ्तारी कर लें।
बता दें कि ईडी ने अरविंद केजरीवाल को वैसे ही बुधवार को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। यह था उनके लिए तीसरा और सबसे अहम नोटिस। लेकिन केजरीवाल ने ईडी को एक लिखित जवाब भेजकर नोटिस को अवैध बताया।
लेकिन इतना भी याद रखें कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए बेहद पुख्ता सबूत का होना जरूरी होगा। अगर ऐसा होता है तो वह ईडी के कर्मचारियों के द्वारा बिना अनुमति के उनके आवास पर पहुंचने के मामले में कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
इसी संबंध में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ईडी अपना मामला रख सकती है, लेकिन उनका वॉलट नहीं खोल सकती। वह बताते हैं कि पिछले समन में ईडी ने उन्हें तीनचार घंटे तक पूछताछ की थी और फिर उनके घर में भी पहुंचे थे।
आबकारी नीति के मामले में अरविंद केजरीवाल की आवाज तेज हो रही है और वह कह रहे हैं कि सरकार उनका डर दिखा रही है। वह मानते हैं कि यह मामला उनकी चरित्रहीनता दिखाने का एक और कोशिश है। वह कह रहे हैं कि उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
इससे पहले भी ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दो बार मौत से डराया गया था, यह था तिसरा समन। लेकिन अब यह देखने को मिल रहा है कि आगे क्या होगा। ईडी के डरे हुए कर्मचारियों की अनुमति के बिना अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचने के मामले में आगे कुछ कीशोर एक्शन हो सकता है।
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