निमोनिया: एक घातक श्वसन संबंधी बीमारी
लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के बड़े कारणों में निमोनिया है। यह एक ऐसी घातक बीमारी है जिससे दुनिया में लगभग 45 करोड़ लोग पीड़ित हो रहे हैं। इसके प्रभावी होने के लिए इस बीमारी के शिकार होने वाले सबसे अधिक आपत्तिजनक जनसंख्या में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को गिना जा सकता है।
निमोनिया एक श्वसन संबंधी बीमारी है जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के कारण फेफड़ों में संक्रमण का कारण बनती है। इसके लक्षणों में खांसी, ठंड लगना, बुखार, दर्दथकान और कमजोरी शामिल होती है। आमतौर पर इन लक्षणों के बावजूद इसे कम समझा जाता है, जिसके कारण लोग इस पर ध्यान नहीं देते और इसके गंभीर परिणामों का सामना करने पड़ते हैं।
निमोनिया से बचाव के लिए हमें कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे। सबसे महत्वपूर्ण कदम हाथ धोना है। क्योंकि हमारे हाथ एकत्रित की गई कीटाणुओं को हमारे मुँह और नाक के माध्यम से श्वास द्वारा हमारे श्वसन प्रणाली में आने की आवेदना के प्रदर्शन करने का कार्य करते हैं। इसलिए हमें हमेशा स्वच्छ हाथों से आहार और पानी का सेवन करना चाहिए। ताजे खाने और सब्जियों का सेवन करने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और हमें बोन्ना खाने की आदत बनानी चाहिए। व्यायाम करना भी निमोनिया से बचाव में महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा निमोनिया से बचाव के लिए हमें टीकाकरण, मास्क पहनना, मुंह और नाक ढकना और धूम्रपान छोड़ने जैसी हड़तालियाँ भी माननी चाहिए। हमें इन सामग्रियों का नियमित उपयोग करते रहना चाहिए ताकि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहे और हम निमोनिया की बीमारी से दूर रहें।
“बिना चिंता किये जीने के लिए हमारे स्वास्थ्य का ख़्याल रखें।”
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