उज्जैन रेप केस में रिपोर्ट हुए पहले कदमों के बाद अब एक और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। इस केस में पुलिस अधिकारी अजय वर्मा ने पीड़ित बच्ची को इलाज से लेकर शादी तक का पूरा खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली है। इससे पहले उसने बच्ची को छुट्टी दे दी थी, अब उसने तय कर दिया है कि उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती किया जाए।
यह खबर सामाजिक मीडिया में वर्डऑफमाउथ की तरह फैल चुकी है। लोगों ने इस बात को लेकर सवाल उठाए हैं कि क्या ऐसी जिम्मेदारी एक पुलिस अधिकारी के ऊपर रखी जानी चाहिए या नहीं। जो लोग अजय वर्मा को मानवतावादी चेहरे से देख रहे हैं, उन्हें इस पर गर्व हो रहा है। इसके साथ ही अजय वर्मा की कठिनाइयों का साम्ना करने की जरूरत भी है। उसे इस पीड़ित बच्ची की इलाज और शादी के खर्च को संभालने के लिए संकट में फंसा है।
बता दें कि ये घटनाएं उज्जैन शहर में हुई हैं। यहां के लोगों ने अपनी आपबीती कि थकी हुई कराई है। उन्होंने सुनाया है कि उज्जैन के इस बारेमे कबसे सड़कों पर उभरने वाली अवैध गतिविधियों ने रोचक कथा बना रखी है। साथ ही साथ इस केस ने पुलिस अधिकारियों के वहम को भी उजागर किया है।
यह घटना कई लोगों का ध्यान अपनी ओर मोड़ चुकी है। जबकि हमें ध्यान देना चाहिए कि कोई भी इस पीड़ित बच्ची को आपही बस छोड़ सकता था, लेकिन इसने ऐसी कठिनाइयों में खुद को फंसा हुआ है। यह हमारे पुलिस अधिकारियों के लिए उदाहरण होना चाहिए। और यह साबित करती है कि इन शोरूमों ने अजय वर्मा के साथ गलत रवैय्यों को उज्जैन की पुलिस ने अपनाया है।
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