दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में घोटाला सामने आया है। इस घोटाले के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने संजय सिंह को जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। संजय सिंह को इस आरोप के चलते न्यायालय द्वारा तीन दिनों के लिए हिरासत में रखा गया है। उन्होंने अपने अदालती पेशी के दौरान भाजपा पर उत्पीड़ना किया है।
इस मामले में कोर्ट ने मीडिया से बात करने का प्रतिबंध लगाया है। बीते कुछ दिनों में AAP के कार्यकर्ता ने इस छापेमारी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है। इसके बाद AAP के नेताओं ने झूठे आरोपों का खंडन किया है।
इस केस में संजय सिंह और मनीष सिसौदिया दोनों ही जेल में हैं। उनके खिलाफ आबकारी नीति के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि, इस घोटाले के चलते दिल्ली सरकार में बड़ी हलचल मच गई है। AAP के नेताओं ने घोषणा की है कि उन्हें मिली खबर, जो इन आरोपों को लेकर है, झूठी है और वे इसे कड़ी सीरियल के तौर पर देख रहे हैं।
आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घोटाला सामने आने से पहले दिल्ली सरकार द्वारा सुनिश्चित किए गए थे कि किसी भी कार्यक्रम से ऐसी समस्याओं का सामना ना करना पड़ेगा। लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द संज्ञान में लिया जाना चाहिए।
यह घोटाला सुनिश्चित करता है कि दिल्ली में अबकारी नीति को नए आयाम देने के लिए आवश्यक कारीगर जुर्माना होना चाहिए। AAP के नेतृत्व में घोटाले का खंडन करने वाले लोग यह भी कहते हैं कि इससे खुलासा हुआ है कि दिल्ली में मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों से निपटने की खामियाजी हो रही है।
इसी बीच E-Postmortem वेबसाइट पर यह खबर विस्तार से प्रकाशित की गई है। यहां छापे के तहत दी गई आरोपों की पूरी जानकारी, संजय सिंह और मनीष सिसौदिया की अबकारी नीति में शामिल होने के आरोप के साथ में दिल्ली सरकार और AAP के नेताओं के कथित जवाब सभी विस्तार में दिए गए हैं। इस खबर के बाद E-Postmortem के पाठकों की उत्सुकता में खिलाफत के लिए AAP के नेताओं ने उन पाठकों से मांग भी की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके नेताओं की सच्चाई खुल कर आए और यहां आरोपित भी न्याय का फेयर ट्रायल पाएं।
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