राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के पश्चात, निर्वाचन आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस पार्टी को अपने वोटर बेस की जांचे के लिए एबीपी सी को नियुक्त कर दिया है। इस सर्वे के बाद, यह प्रकट हुआ है कि बीजेपी की सत्ता में वापसी की संभावना है।
कांग्रेस पार्टी को दोबारा सरकार बनाने की संभावना को देखते हुए, पार्टी में गहलोत और पायलट के बीच की दूरियों को मिटाने की कोशिशें की जा रही हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस को नेतृत्व में एकजुट होना होगा ताकि उन्हें सरकार बनाने का मौका मिल सके।
विधानसभा चुनाव के बाद होने वाले सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी को वापिस आने की संभावना में कठिनाईयाँ हैं। बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिलने के बाद, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।
इस बीच, बीजेपी पार्टी की तरफ से अनुमान किया जा रहा है कि यह सर्वे केवल नए वोटर आधार की जांच थी और प्रशासनिक उपकरणों द्वारा इसका प्रायोग नहीं किया गया है। जबकि कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा इस सर्वे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसकी आधारभूत जानकारी को ध्यान में रखकर नेतृत्व में संगठन की योजना बनाए जा सकते हैं।
इस तरह के सर्वे स्थानीय चुनाव नियामक आयोगों का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं, जो चुनावी चरण के पहले और दौरान की जांच और मूल्यांकन करते हैं। इसे सर्वे का नई एज कहा जा सकता है, जो पार्टियों को अपने अस्थायी और स्थायी वोटर्स के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करता है।
आगामी विधानसभा चुनाव में इस सर्वे के परिणामों की बड़ी भूमिका हो सकती है और पार्टियों के लिए राजनीतिक रणनीतियों को तैयार करने में मदद कर सकती है। E-Postmortem इस सर्वे के माध्यम से अपने पाठकों को नवीनतम और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
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