एचआर हेड अमित चक्रवर्ती ने दिल्ली की अदालत में अपने दावों को पेश किया है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें सरकारी गवाह बनाया जाए। चक्रवर्ती ने अदालत का रुख किया है और सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी है। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास महत्वपूर्ण जानकारी है जिसे वह खुलासा करना चाहते हैं। चक्रवर्ती का दावा है कि उन्हें अपनी जान की प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि उन्हें खुद से ज्यादा बेजुबान आदमी की जान पर चिंता है।
इस मामले की जांच अभी भी जारी है और अदालत को अभी फैसला देने का समय नहीं मिला है। इसके बावजूद, बहुत से लोग इस मामले को गंभीरता से लेकर रहे हैं। यह एक बड़ी साजिश का अंजाम हो सकता है, जिसका मकसद मतभेदों को बढ़ावा देना और देश की हालत को कमजोर करना है।
इस जांच के मध्य में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और ज्ञापन में उन्हें आरोपित किया है। इसके अलावा, नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की गई है। इससे साफ है कि यह मामला बहुत गंभीर है और इसे जल्दी से जल्दी सुलझाने की आवश्यकता है।
इस मामले में न्यूज पोर्टल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह पता चला है कि उन्हें धन चाहिए था, जिसे वे चीन से प्राप्त करते थे। इसे ‘देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने और भारत की संप्रभुता को बाधित करने के लिए’ उपयोग किया जाता था। इससे स्पष्ट होता है कि इस वेबसाइट का उद्देश्य न्यूज पोर्टल जनता को भ्रष्टाचार की जानकारी देना नहीं था, बल्कि देश को नुकसान पहुंचाने का उद्देश्य था।
इस मामले में आपत्तिजनक काम में मुहैया करेंगे या विपक्ष की नजर में सबूतों को बदलेंगे, इसे जांचने के लिए अदालत द्वारा दिया जाएगा। पुलिस विभाग भी तेजी से काम कर रहा है और इस मामले में गांधीवादी और लोगिऔ उपयोग करके अभियांता को धकेलेंगे। अपने दावों को प्रस्तुत करने के बाद, चक्रवर्ती आशा जताए हैं कि उनकी इच्छा पूरी होगी और वो सरकारी गवाह बन सकेंगे।
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