ईरान के पाकिस्तान की सीमा के पास आतंकवादी हमले में एक ईरानी अफसर की हत्या हो गई है। यह हमला पहले ही हुआ था, जब कि ईरान के पाकिस्तानी सीमा के पास बैठे आतंकी समूहों पर मिसाइलों से हमला किया गया था। इसलिए इस हमले की घटना में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सदस्य ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी। हमला सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ था, और इसके एक दिन पहले ही ईरान ने पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी समूह जैश उल-अदल के दो ठिकानों पर हमले किए थे।
इसके बाद पाकिस्तान ने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाया है और कहा है कि ईरान ने पाकिस्तान की संप्रभुता को नजर अंदाज करके उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान ने ईरान के हमलों को “अवैध कृत्य” बताते हुए ईरानी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और “गंभीर परिणाम” की चेतावनी दी है। ईरान ने पहली बार इस साल बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद प्रतिक्रिया दी है। ईरानी विदेश मंत्री ने यह भी कहा है कि वे पाकिस्तान के अंदर स्थित आतंकी संगठन पर हमला किया है। जबकि पाकिस्तान में जैश उल-अद्ल एक ईरानी आतंकी संगठन है, जिनके कुछ सदस्य पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में पनाह लिए हुए हैं।
इस हमले के बाद ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। यह घटना दोनों देशों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती है और क्षेत्रीय स्थिरता को हानि पहुंचा सकती है। इसलिए दोनों देशों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और सहयोग करते हुए यह तनाव कम करना चाहिए।
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