अपनी आधिकारिक वेबसाइट ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ पर नवीनतम खबरों की पेशकश करते हुए हमें गर्व हो रहा है कि हम आपके लिए एक महत्वपूर्ण खबर लाए हैं। आज की इस खबर के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में लाल सागर में छिपे हूती विद्रोहियों को निशाना बना लिया है। इस छेड़खानी के जवाब में हूती आतंकियों ने अपने बयान में यह कहा है कि यमन में अमेरिका और ब्रिटेन उनके खिलाफ हैं।
यमन के अधिकांश हिस्सों में सारे देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी कार्रवाई को बढ़ाने के लिए यह बात साबित हो सकती है कि हूती आतंकी संगठन ऐसी सरकारी कार्रवाई से नाराजगी जता रही है। नियमित गतिविधियों के दौरान अब हूती आतंकियों ने अपने नए संगठन के माध्यम से यमन में अचानक बढ़ गई हैं।
जो लोग हूती आतंकी संगठन के समर्थक हैं, उनके मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन यमन के खिलाफ अत्याचारी हैं। इनके बयान में यह भी दावा किया गया है कि अंग्रेज कारख़ानों में बने हूती विद्रोही जहाजों ने इन लोगों के ख़िलाफ हमले की संख्या बड़ा दी है। यह सही नहीं हो सकता क्योंकि यमन के पक्ष पर इस तरह की कुछ बातें सामने आने के पश्चात उसने इसे खारिज कर दिया है। वह कह सकते हैं कि कुछ शून्य काम की ख़बरें हैं।
यमन सरकार ने अंतिम तिथि तक 73 बर्बर हमले किए जाने का दावा किया है और इसमें अमेरिका और ब्रिटेन को जिम्मेदार ठहराया गया है। यमन की सरकार ने दावा किया है कि ये सभी हमले हूती आतंकियों के द्वारा किए गए हैं, जो बहुत ही मूर्खतापूर्ण है। वीडियो में यमन में हमलों का दृश्य प्रदर्शित किया गया है, जो हो सकता है कि यमन के उस विभाग ने अपने छोटे संगठनों द्वारा बना दिया हो।
यमन में हमलों के इस नए चरण ने इस मुद्दे पर काफी संवेदनशील बहस को उजागर किया है और आगे की गतिविधियों की दिशा में सवाल उठाए गए हैं। अंत में, यह तय होता है कि हूती गठबंधन की गतिविधियों पर अमेरिका और ब्रिटेन के मजबूत कदम से इसका असर होगा।
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