चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग अमेरिका पहुंचे हैं और उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने का मौका मिलेगा। इस मुलाकात में दोनों नेताओं का एक मुख्य फोकस, चीन और अमेरिका के बीच सबसे ज्यादा मतभेदों वाले मुद्दे को कम करने पर रहेगा। इसके अलावा, बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात में इजराइल-हमास और रूस-यूक्रेन जंग के मामले पर भी चर्चा हो सकती है।
इस मुलाकात में दोनों नेताओं को उत्तर कोरिया, ताइवान, इंडो-पैसिफिक, मानवाधिकार, फेंटेनाइल उत्पादन, AI, व्यापार और आर्थिक संबंधों जैसे मुद्दों पर चर्चा करने का मौका होगा। रिपोर्टों के मुताबिक, इस मुलाकात से तनाव कम करने की उम्मीद है और दोनों नेताओं का लक्ष्य है कि रिश्तों को बेहतर किया जाए।
बाइडेन और जिनपिंग दोनों चीन और अमेरिका के आर्थिक रिश्तों के महत्व को समझते हैं और रिश्तों को नुकसान पहुंचाने से बचाने की कोशिश कर रहें हैं। इसके पीछे एक मुख्य कारण है कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के जाने से पहले चीन-अमेरिका के बीच सैन्य तनाव काफी बढ़ गया है।
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड काफी महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के अर्थशास्त्रीय रिश्तों और विपणन में गहराई तक साझेदारी है। इसलिए, दोनों नेताओं को उन विपणनियों समेत बाकी सभी मुद्दों पर चर्चा करने का मौका होना चाहिए।
यह मुलाकात संकटाचेर की तरह हो सकती है और चीन और अमेरिका के बीच तनाव को कम करने में सहायक साबित हो सकती है। यह दोनों नेताओं के लिए इतना ही महत्वपूर्ण है कि रिश्तों को बेहतर बनाया जा सके ताकि दोनों देशों की गतिरोधक अप्रत्याशित मुद्दों से बचा जा सके।
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