‘ऑपरेशन अजय’ के जरिए युद्धग्रस्त इजरायल से 235 भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की संजीवनी
दुनिया में महामारी के बाद अनेक लोगों का बाहर फंसाव का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से अनेक देश अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं। इसी चिंता को दूर करने के लिए भारतीय सरकार द्वारा ‘ऑपरेशन अजय’ चलाया गया है, जिसका तीसरा चरण युद्धग्रस्त इजरायल से आयोजित हुआ है। इस ऑपरेशन के तहत दूतावास ने भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए एक विशेष उड़ान तेल अवीव पर भेजी है। इसमें 235 भारतीय नागरिक सवार थे, जो सफलतापूर्वक दिल्ली पहुंच चुके हैं।
इस उड़ान के दौरान एक वीडियो में यात्रियों द्वारा ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगाए जा रहे हैं, जिससे पता चला कि इन नागरिकों के मन में अपने देश के प्रति गहरी श्रद्धा है। यह नहीं, पहली फ्लाइट में 212 यात्रियों को वापस लाया गया, जिसके बाद दूसरी उड़ान तेल अवीव में स्वागत की तैयारी की जा रही है। दूतावास ने अगली उड़ान को रवाना कर दिया है और अन्य पंजीकृत लोगों को भी संदेश भेजा जाएगा। इजरायल से आने वाली इस पहली चार्टर उड़ान में 212 भारतीय नागरिकों ने भाग लिया है।
जानकारों के मुताबिक, यात्रियों का चयन “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर किया गया है। भारत सरकार इन यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उनकी वापसी का खर्च उठा रही है। एक मान्यता के अनुसार, ऑपरेशन अजय के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देने वाले एक रिसर्चर ने कहा, “यह ऑपरेशन युद्धग्रस्त इजरायल में फंसे भारतीय नागरिकों को मुश्किल स्थिति से बचाने में मददगार साबित होगा। इससे यह प्रतीत होता है कि भारतीय सरकार अपने नागरिकों की चिंता करके उनकी सुरक्षा पर ध्यान दे रही है।”
इजरायल में तालाबंदी के कारण बचाने के लिए भारतीय नागरिकों की वापसी आवश्यक थी। इजरायल में आस्थाई तौर पर लगभग 18,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से कई लोग अब भारत आना चाहते हैं। इसी वजह से भारत सरकार अपने नागरिकों की मदद कर रही है और एक अहम कार्यक्रम के तहत उनकी वापसी को सुनिश्चित कर रही है। ‘ऑपरेशन अजय’ को सफलतापूर्वक चलाने के बाद अब दूसरी चरण में राजस्थान के एक अगरतला में महामारी से खुद को बचाने के लिए फंसे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की तैयारी की जा रही है। भारत सरकार इसमें बड़ी संख्या में अपने संघर्षों को जारी रख रही है, ताकि यात्रियों की जल्दी से वापसी हो सके।
कुल मिलाकर कहा जाए तो यह ऑपरेशन भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे न