गेंदबाजों की रफ्तार और उनके हौसलों को देखते हुए बल्लेबाजों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जब गेंदबाज इतनी ऊंचाई और तेजी से बॉल को फेंकते हैं, तो बल्लेबाज को उसे ठीक से सामने लेने में कठिनाई होती है। इससे उन्हें बचने के लिए इनको आउट होने से बचने के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
इसलिए, भास्कर के ‘साइंस ऑफ क्रिकेट’ सीरीज में हम जानेंगे तेज गेंदबाजी की साइंस के बारे में। यह सीरीज गेंदबाजियों की तकनीकों को समझाने और बल्लेबाजों को इस तकनीक के बारे में जागरूक करने का भी मकसद रखती है।
स्वीट स्पॉट के बारे में बात करते हुए यह समझना आवश्यक है कि इससे बल्लेबाज को ट्रेनिंग के दौरान कैसी सहायता मिल सकती है। जब गेंद बॉल पर स्वीट स्पॉट आता है, तो वहां से बल्लेबाज को पता चलता है कि बॉल कहाँ गिरेगा और कितनी ऊंचाई पर। इससे वह अपनी मार को ठीक से तैयार कर सकता है और गेंद को उच्चाई से निकाल सकता है।
इस प्रक्रिया में स्वीट स्पॉट के ऊपर बनने वाली चिह्नी को देखते हुए, बल्लेबाज बड़ी आसानी से गेंद की गतिशीलता को समझ सकता है। इससे वह गेंद के आने के करीब तीन एंगल को अंदाज़े से तय कर सकता है। इससे गेंद को करीबी से निकालना तो आसान हो जाता है ही, बल्लेबाज अपनी मार को अच्छी तरह से तैयार कर सकता है और संभावित छक्के की गणना कर सकता है।
साइंस के इस पहलू को समझते हुए, ‘साइंस ऑफ क्रिकेट’ सीरीज गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच मजबूत संबंध बनाने का प्रयास कर रही है। इससे बल्लेबाजों को गेंदबाजों की तकनीकों के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त होगा और वे अच्छे स्कोर कर सकेंगे।
इस सीरीज के माध्यम से, ‘ई-पोस्टमार्टम’ साइट पर आपको नवीनतम क्रिकेट समाचार और तकनीकी विवरण प्राप्त होंगे, जो आपकी क्रिकेट ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेंगे।
“Social media scholar. Reader. Zombieaholic. Hardcore music maven. Web fanatic. Coffee practitioner. Explorer.”