एवे पोस्टमोर्टम – एलन मस्क की टेस्ला भारत में कारोबार को फैलाने की कोशिशें
एलन मस्क, उन द्वारा चलाए जाने वाले विश्वविख्यात ऑटोमोबाइल कंपनी टेस्ला के संस्थापक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी कंपनी का ढांचा भारत में स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके पश्चात, टेस्ला ने भारत सरकार से कारखाने स्थापित करने के लिए विशेष छूट की मांग की थी। हालांकि अभी तक कोई भी स्वीकृति नहीं मिली है। एलन मस्क के मुताबिक, यदि भारत सरकार उन्हें इंसेंटिव प्रदान करेगी, तो वे भारत में उत्पादन करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के कारखाने की स्थापना करेंगे।
हालांकि, इंडियान ऑटोमोबाइल उद्योग ने पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन की दिशा में कदम उठाए हैं, लेकिन एलन मस्क का कहना है कि भारत कभी भी एक कंपनी के लिए विशेष प्रोत्साहन नहीं देगा। उन्होंने इसके तहत टेस्ला को भारत से आयातित ऑटो घटकों की मात्रा दोगुनी करने की मांग की है। इंजन आकार, लागत, बीमा और माल ढुलाई की लागत के आधार पर 40,000 डॉलर से कम या अधिक के आयातित कारों पर लगातार 60-100% की वृद्धि की जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को टेस्ला जैसी शक्ति के साथी कंपनी की उत्पादन क्षमता और विकास को बढ़ावा मिलेगा।
अब बात आती है कि क्या इस मांग को मन्यता देगी भारत सरकार। देश के मंत्री और पदाधिकारी द्वारा यह विषय पर बहुसंप्रदायिता प्रकट की जा रही है। एलन मस्क के मुताबिक, उन्होंने पूरी उत्साहपूर्वक योजना बनाई है कि वह 2024 में भारत में आयेंगे और उनका मुख्य ध्येय ऑटोमोबाइल उद्योग को नई ऊर्जा के स्रोतों की ओर प्रेरित करना होगा।
एलन मस्क का कहना है कि टेस्ला ने पूरी दुनिया में अपने आप को स्थापित कर लिया है, लेकिन अब उन्हें भारत जैसे बड़े देश में भी अपनी हाजिरी बनाने की आवश्यकता है। इससे न केवल टेस्ला का कारोबार बढ़ेगा, बल्कि यह लोगों को भी ऑटोमोबाइल उद्योग में नवीनतम तकनीक की घोषणा करेगा। यह ऋणी वाहनों के उत्परिवर्तन को सहज बनाएगा, और हमारे वातावरण की संरक्षा में एक बड़ी दक्षता का उदाहरण होगा।
अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि भारत सरकार को इस भारी निवेश के प्रति इंटरेस्ट है या नहीं, लेकिन यह इस संबंध में सुखद संकेत दे रहा है कि हमारे देश में अब अगले कुछ वर्षों में इंजन चलित वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग की संभावना है।