बाढ़ से प्रभावित गांवों में मलेरिया बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाई गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस मुद्दे पर कड़ी मेहनत की है और गांवों में लार्वा को नष्ट करने की कार्रवाई की है। इस कार्रवाई की जानकारी ग्रामीणों को भी दी गई है ताकि वह अपनी स्वस्थ्य को लेकर सतर्क रह सकें। मलेरिया सलाहकार और फील्ड वर्कर समुदाय के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
गांवों में लार्वा को नष्ट करने और मच्छरों के संचयन को कम करने के उपायों के बारे में मलेरिया सलाहकारों और फील्ड वर्करों ने लोगों को बताया। उन्होंने बताया कि स्टैग्नेंट पानी और बंद बर्तन सोथा पानी के प्रमुख संक्रमित इलाकों होते हैं, अत: इन प्रदेशों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, क्रीम और नीम के प्रयोग भी मच्छरों से बचने में मददगार साबित हो सकते हैं।
इस मुद्दे पर जिला मलेरिया अधिकारी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने पहुंचते ही गांवों में लार्वा के ब्रीडिंग का प्रतिसाद देने के लिए सप्ताह में पानी की बर्तनों और अन्य जगहों को साफ करने की अपील की। उन्होंने ग्रामीणों को यह समझाया कि अपने आसपास के मच्छरों के संचयन को रोकने के लिए उन्हें साफ-सुथरे रखने की जरूरत होती है।
हालांकि, इन सभी प्रयासों के बावजूद अभी भी गांवों में मलेरिया की गंभीरता काबू में नहीं है। इसलिए, जिला स्तर पर इसे रोकने के लिए मोटिवेशनल कार्यक्रमों की जरूरत है।-Translated by HinDostan
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