दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसके साथ ही दिल्ली की सड़कों को भी सजाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने के लिए उपराज्यपाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने प्रगति मैदान पर तैयारियों की जांच की है। ज़मीनी सफाई के लिए उन्होंने साफ-सफाई की भी जांच की है। इसके साथ ही वे मिनीबस से यात्रा भी कर चुके हैं। हवाई अड्डे की जांच के बाद राजघाट पर भी तैयारियों को देखा गया है।
दिल्ली की महापौर ने बताया कि कूड़ा डालने वाले स्थानों की सफाई करवाई गई है। इसके लिए 52 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें उपयोग में लाई गई हैं। लगभग 800 ट्राफिक पोलिस और 20,000 कर्मचारी समेत दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इस विशेष तबियत वाली स्थिति में दिल्ली की सुरक्षा बढ़ाते हुए हाथों-हाथ बट्टियों काम किया है। शिखर सम्मेलन के मेहमानों की सुरक्षा के लिए बेहतर साधारण इंतजाम उठाए गए हैं।
इसके साथ ही विदेशी मेहमानों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है। उनके रूट से लेकर ठहरने की जगह तक सुरक्षा की व्यवस्था है। इसके लिए विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने सख्ती से काम किया है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान स्थानीय रास्तों को बंद कर दिया गया है ताकि सुरक्षा का केंद्र बना सकें।
यह सम्मेलन 30 नवंबर को शुरू होने जा रहा है और सुरक्षा के साथ-साथ खास इंतजाम भी किए गए हैं। करीब 30 राष्ट्रों के प्रमुख इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दिल्ली में सुरक्षा में जो तोड़-मरोड़ की तैयारियां हुई हैं, उनसे यह स्पष्ट होता है कि भारत की सक्रिय भूमिका को क्या महत्त्व दिया जा रहा है।
यह भी देखा जा रहा है कि दिल्ली की सड़कों की सफाई भी ध्यानवान करी गई है। इसके लिए 52 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें लाई गई हैं। इन मशीनों के द्वारा सड़कों और मैदानों की सफाई की जा रही है ताकि मेहमानों के लिए देश की राजधानी शानदार और सुरक्षित ढंग से सजी रहे। शिखर सम्मेलन के दौरान दिल्ली का एयरपोर्ट और दिल्ली की हवाई अड्डे की भी तैयारियां अंतिम चरण में हैं।