“कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की मौत पर उच्चतम न्यायालय की चेतावनी, केंद्र से अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने की संभावना”
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कहा है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की मौत होने की समस्या गम्भीर है। इसके साथ ही, न्यायालय ने केंद्र से अन्य अभयारण्यों में चीतों को स्थानांतरित करने की संभावना तलाशने को कहा है।
‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीते लाए गए थे। यह ऊंची एवं प्रभावी चरणबद्धता कार्यक्रम था जिसका उद्देश्य था कि चीतों की संख्या में वृद्धि करके इनका पुनर्वास करना।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 24 चीतों में से आठ की मौत हो चुकी है। इसके बाद से समुदाय और पशुपालन विभागों को चिंता हो रही है। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने चीतों की मौत पर चिंता जताई और केंद्र से अधिक जानकारी की मांग की है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि चीतों की मौत के पीछे कई कारण हैं और उन्हें अन्य अभयारण्यों में स्थानांतरित करने की संभावना तलाशनी चाहिए। इससे कूनो राष्ट्रीय उद्यान के महत्वपूर्ण प्राणियों की रक्षा हो सकती है और इस संबंध में न्यायालय ने अगली सुनवाई 1 अगस्त को तय की है।
उपरोक्त जानकारी के अनुसार, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की मौत पर उच्चतम न्यायालय ने बढ़ती हुई चिंता जताई है और इसे हल करने के लिए सुझाव भी दिए हैं। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो इलाके के प्राणियों की बचाव के लिए बना है। आगे की सुनवाई को तय किया गया है, जहां पर अधिक जानकारी दी गई है।
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