हिन्दी में बैंकों ने लोन दरों में वृद्धि की है, जो कि बाजार में खबरों का विषय बन रही है। संभवतः, आप ने सुना होगा कि बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने अपनी MCLR (एमसीएलआर) लोन दरों में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह वृद्धि शुक्रवार (शुक्रवार के दिन) को हुई है।
इस बढ़ोतरी के बावजूद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि आरबीआई ने अपने मुद्रास्फीति और ब्याज दरों को न्यून रखने की नीति जारी रखी है। इससे बैंकों को ऋण निजी उपभोक्ताओं को कम ब्याज दर पर प्रदान करने की क्षमता मिलती है।
आपको यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि ये बैंकों की ऐसी पहली वृद्धि है जो कि महंगाई में बढ़ोतरी के बीच हुई है। जैसा कि आप जानते हैं, महंगाई की दर पूरे देश में बढ़ रही है और इसका असर लोगों के लाभ की दरों में भी पड़ रहा है। बैंकों को इसलिए उचित समझा गया होगा कि उन्हें इस महंगाई के माहौल में व्यक्तिगत ऋण लेनेवालों को अधिक ब्याज दर पर उबरने का फायदा देना चाहिए।
इस तरह की वृद्धि महंगाई में वृद्धि के समय में त्योहार के रूप में देखी जा सकती है, क्योंकि यह ऋण लेने वाले लोगों के लिए एक अच्छी समाचार हो सकती है। ध्यान देने योग्य बात है कि यह वृद्धि न केवल बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, और बैंक ऑफ महाराष्ट्रा के लिए लागू होगी, बल्कि इससे दूसरे बैंकों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
इस वृद्धि के बावजूद, स्थिति अभी भी संवेदनशील है, क्योंकि बैंकों को मार्जिन और आंकड़ों के मुताबिक अपने निजी ऋण दरों में वृद्धि करना होगा। इसलिए, उन्हें आंकड़ों के संचालन के साथ-साथ बाजार की तटस्थता को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों को वृद्धि देनी चाहिए।
इससे पहले के कुछ वर्षों में, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्रा ने अपने ब्याज दरों को स्थिर रखा था। इसलिए, बैंकों की यह नई नीति लोगों के लिए सुखद समाचार हो सकती है, जो कि उन्हें ऋण लेने में और आसानी प्रदान करेगी।
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