मणिपुर के कांगपोकपी जिले में आर्मी जवान के परिवार के चार लोगों की किडनैपिंग हो गई है। इस घटना ने बुरे तरीके से गांव को आपत्ति में डाल दिया है। किडनैपर्स ने गोलीबारी करते हुए परिवार को अगवा कर लिया है। सैनिक के पिता को सुरक्षाबलों ने बचा लिया है, लेकिन उन्हें चोटें आई हैं।
पिछले कुछ दिनों पहले भी मैतेई समुदाय के दो युवकों की किडनैपिंग हुई थी। इसलिए गांव में तनाव बहुत बढ़ गया है। घटना के बाद इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने कल्पना सुरेशचंद्र, ब्रजेन्द्र मोदी, बृजमोहन और परिवार के सदस्यों के सुरक्षा की मांग की है। ITLF के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मोयंग्बाम ने घटना को आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
हालांकि, अभी तक पुलिस ने किडनैपिंग के मामले में किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। जांच जारी है और पुलिस को संबंधित दलों से सहयोग की अपील की गई है।
इस आपत्तिजनक स्थिति के बाद राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर आपत्ति जाहिर की है। वे सरकार से तत्परता की मांग कर रहे हैं और इसमें जल्दी से जल्दी कार्रवाई करने की गुहार लगा रहे हैं। गांव के निवासियों की तरफ से भी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आग्रह किया जा रहा है।
इस्तीफा देने के बावजूद जिला प्रशासन ने आपत्ति को नजरअंदाज किया है। इससे लोगों का भरोसा खो गया है और वे बहुत निराश हैं। अब लोग इस दुखद घटना के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करेगी।
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और आक्रामकीपूर्ण है कि डाकू दुनिया और आपत्तिजनकता के मामलों में सामरिक लोगों का इस्तेमाल करते हैं। आशा है कि इस घटना के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और सुरक्षा कार्यक्रमों को और मजबूत बनाने की जरूरत होगी।
इस घटना के बाद गांव में तनाव बढ़ गया है और लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि उन्हें आपने और अपने परिवार वालों की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए। यह घटना एक बार फिर से असुरक्षित माहौल की गंभीरता को दर्शाती है और सरकार को यह समझना चाहिए कि जनता की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।