“शी जिनपिंग ने कहा, चीन ने किसी विदेशी जमीन को अपने कब्जे में लेने की कोशिश नहीं की”
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल ही में दिए गए एक वक्तव्य में कहा है कि चीन ने किसी भी विदेशी जमीन को अपने कब्जे में लेने की कोई कोशिश नहीं की है। उन्होंने दावा किया कि चीन वजह से अब तक कोई जंग शुरू नहीं हुई है और शांतिपूर्ण रिश्ते चीन और अमेरिका के बीच कभी नहीं बदलेंगे। यह वक्तव्य चीनी अखबार GLOBAL TIMES ने प्रकाशित किया है।
चीन ने पिछले 5 सालों में कई बार जमीन को अपना बताने की कोशिश की है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन भी शामिल है। हाल ही में चीनी अखबार GLOBAL TIMES ने एक मैप में अरुणाचल प्रदेश को चीन का बताया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ है। चीन की इस हरकत के बाद से ही भारत और अन्य देशों में चीन के खिलाफ नारे उठ रहे हैं।
चीन के राष्ट्रपति इस बयान के माध्यम से देश को आश्वस्त करना चाह रहे हैं कि चीन का इरादा विदेशी जमीन पर किसी भी प्रकार का कब्जा नहीं है। हालांकि, चीन के अपने कवरज़ में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस बयान को कई देशों ने उठाने से पहले ही पता था, जिससे चीन के इस दावे पर भरोसा कम है।
इसके बावजूद, चीन की यह कोशिश रही है कि वह अपनी संधि भी निभाए और विवादित सीमा पर अमन-चैन को बनाए रखे। चीन, जहां उच्चतर अधिकारियों की मिलनसार बैठक और कार्यशालाओं का आयोजन हो रहा है, वहीं विदेशी संदेश वितरण संबंधी छटपटाहट भी जारी है। चीन सिर्फ अपने ही हक पर दुगनी ध्यान देने के लिए प्रतिठान कर रहा है, जबकि वह राष्ट्रपतियों की मिलनसार बैठक की जनरल सिक्योरिटी काउंसिल की आगामी बैठक तक पहुंचने के लिए पूरी मेजबानी और संयोजन करने के लिए अपने अधिकारियों को बोला है।
इस वक्तव्य में बताया गया कि चीन के राष्ट्रपति की इस प्रतिक्रिया दुनिया को एक बार फिर से यह संदेश देने का प्रयास है कि वह अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने के लिए निरंतर काम कर रहा है और उसकी दुनिया के संदेश साझा करने की कोशिशें असफल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि चीन विदेशी जमीन को अपने कब्जे में लेने की कोई तैयारी नहीं कर रहा है और वह राष्ट्रों के बीच सौभाग्यशाली और उच्च योगदान वाले संबंधों को बढ़ावा देना चाहता है।
इसके अलावा, चीन के राष्ट्रपति द्वारा कहा गया है कि चीन को विदेशी जमीनों पर अपना दावा करने के लिए यहां किसी भी राजनीतिक घातकता की आवश्यकता नहीं है और देश की महत्वपूर्ण बातचीतों में भागीदारी और सहयोग देने को तैयार है। इसमें उन्होंने कहा कि चीन इस प्रमुखता से सचेत रह रहा है और सभी धारिती क्षेत्रों में अपनी सीमाओं का पालन कर रहा है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने वक्तव्य में कहा है कि उन्होंने हमेशा विश्वशांति की दृष्टि रखी है और वह अपने संदेशों के माध्यम से यह साबित कर रहे हैं। वे नारों के बजाय शांतिपूर्ण रिश्तों की बढ़ती हुई महत्वता को संवार्धन कर रहे हैं। क्या यह चीन में अस्पष्टता को दूर कर पाएगा, यह भविष्य की खबर जानने के लिए हमें अगले समय के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
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