सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट (FCU) की अधिसूचना पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। FCU को इंटरनेट मीडिया पर फर्जी कंटेंट की पहचान के लिए स्थापित किया गया था। इसके बावजूद, अगर FCU को कोई फर्जी जानकारी मिलती है तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हटाना होगा।
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया था इनकार, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े सवालों पर विचार करने की जरूरत बताई। इस मुद्दे पर FCU के खिलाफ याचिका दायर करने वाले स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ऐतराज जताया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक सख्ती से विचार करने का आदेश दिया है और FCU की कार्रवाई पर नजर डालने का संकेत दिया है। जितना महत्व तथा प्राधिकार FCU का काम है, उतना ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह किसी की अभिव्यक्ति की आजादी को नुकसान पहुंचाने का उपयोग न करे। अब से नजरबंद FCU की की कॉन्टेंट पर रोक नहीं लगेगी, लेकिन FCU को सावधानी से संभाल कर कार्य करना होगा।
इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स और इंटरनेट मीडिया कंपनियों को भी उठानी होगी जिम्मेदारियां और अनथक प्रभावों से बचाव के लिए सख्ती से नियमों का पालन करना होगा।
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