दमा या अस्थमा एक ऐसा रोग है जिससे दिन-प्रतिदिन लाखों लोग पीड़ित हैं। इसके कारण होने वाली सांस संबंधित समस्याएं व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
अस्थमा और अन्य सांस संबंधित रोगों की सबसे बड़ी वजह है प्रदूषण और धूल-मिट्टी। भारत में अधिकतर लोग धूल-मिट्टी के प्रभाव से पीड़ित हैं। इसके अलावा नियमित दवाओं का सेवन करना भी दमा के खतरों को कम कर सकता है।
स्वच्छता और नमी वाली स्थानों को ड्राई रखने से भी दमा और अन्य सांस संबंधित रोगों से बचाव हो सकता है।
अस्थमा के लक्षणों को समझने के लिए लोगों को सही जानकारी होना चाहिए। बच्चों में अस्थमा के प्रकोप के बारे में भी सबको जानकारी होनी चाहिए।
दमा और अन्य सांस संबंधित समस्याएं गंभीर हो सकती हैं। इनके लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
अस्थमा के उपचार में डॉक्टर की सलाह बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर के द्वारा दी गई सही जानकारी और ट्रीटमेंट से दमा और सांस संबंधित समस्याएं ठीक हो सकती हैं।
अगर आप या आपके परिवार के किसी सदस्य को दमा या सांस संबंधित समस्या है तो उन्हें जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलना चाहिए।
अस्थमा और सांस संबंधित समस्याओं से बचने के लिए सतर्क रहें और स्वस्थ रहें।
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