ब्रिटेन के शिव ग्रेवाल ने हाल ही में अपने मृत्युदंड के अनुभव को साझा किया है। शिव की मौत हो गई थी, लेकिन 7 मिनट बाद उन्हें जीवित मिला। उन्होंने अपनी मृत्युदंड अनुभव की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उन्हें मौत के बाद एक रूप लेने का एहसास हुआ। उन्हें अपने शरीर से अलग होने का अनुभव हुआ, और वे जन्मों के लिए तैयार किए गए थे। पश्चात्तात्मा अनुभव के बाद, शिव का ध्यान जीवन के प्रति मजबूत हो गया है। उन्होंने एक पेंटिंग एग्जीबिशन का आयोजन किया है, जिसमें उन्होंने अपने मृत्युदंड अनुभव को कला के माध्यम से दिखाया है। शिव के मुताबिक, यह मौत के बाद के जीवन की प्रामाणिकता को साबित करता है।
मृत्यु के अनुभव के बारे में शिव ने कहा, “मैंने मृत्यु के बाद अपने चेहरे का उस एक रूप को देखा जिसे मैं पहले कभी नहीं देखा था। मैं एक अलोकिक और शांत जगह में था, जहां पेड़ और पौधों की झंडियों की छायाएं मेरे चारों ओर थीं। मैं खुशी महसूस कर रहा था।” उन्होंने अपनी मौत के बाद के अनुभव को और अधिक विस्तारपूर्वक बताया, “मैं पुराने खोये हुए रिश्तेदारों और मित्रों से मिलने का मौका पाया, जिन्हें मैं हमेशा से खो चुका था। यह एक अद्भुत अनुभव था।”
शिव की मृत्युदंड अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने एक पेंटिंग एग्जीबिशन का आयोजन किया है, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव को कला के माध्यम से दिखाया है। यह कला के माध्यम से जीवन की एक अनूठी पहलु को प्रकट करता है। शिव ने कहा, “मेरा मृत्युदंड अनुभव मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल गया है। मैं अब जीवन का हर पल महसूस करता हूँ और इसे पूरी तरह से उचित तरीके से जीने का आनंद लेता हूँ।” शिव की पेंटिंग्स अब ‘E-Postmortem’ वेबसाइट पर देखी जा सकती हैं।
शिव ग्रेवाल का मृत्युदंड अनुभव लोगों को मौत के बाद के जीवन की एक नई और प्रामाणिकता से परिचित कराता है। इस अनुभव से शिव ने साबित किया है कि मृत्यु के बाद जीवन अस्थायी नहीं है, बल्कि यह एक नया आरंभ हो सकता है। इससे मनुष्यों का जीवन और उनके मृत्यु के प्रति नया नजरिया बदल सकता है।
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