ईरान में हिजाब कानून को और सख्त करने की तैयारी के तहत एक नया विधेयक पेश किया गया है। इस विधेयक में हिजाब न पहनने के लिए 10 साल की सजा की प्रस्तावित है। विधेयक में इसके अलावा एक और प्रस्ताव शामिल है, जिसमें हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को Artificial Intelligence (AI) के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा।
ईरान अखबार ईलन, न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस विधेयक की परीक्षण हो रही है और इसे संविधानसभा में पेश किया जा सकता है। इस विधेयक के माध्यम से ईरानी सरकार हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के खिलाफ कड़ी सजा लगाने का इरादा रखती है।
नई विधेयक को लेकर हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाओं ने अपना स्कार्फ जलाया है। इस प्रदर्शन में छात्रों ने पढ़ाई से रोकने के लिए जहर भी दिया गया था। इस प्रदर्शन में युवा महिलाओं की मौत भी हुई है, जो कि हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई थी।
हिजाब कानून को और सख्त करने के प्रस्ताव के साथ-साथी, भारतीय व्यापारी को कानून तोड़ने पर सजा हो सकती है। यहां तक कि हिजाब कानून के विरोध में संपत्ति की दसवीं हिस्सा जुर्माना के रूप में वसूला जा सकता है।
ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन की शुरुआत पिछले साल हुई थी और अब तक का सबसे लंबा प्रदर्शन रहा है। इस संघर्ष में ने बिल को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को सौंपा गया है। 1936 में हिजाब को एक आवश्यकता मानने का फैसला हुआ था, लेकिन कुछ छात्रों के आंदोलन के कारण इसे मान्यता प्राप्त नहीं हो सका।
नई विधेयक के बाद से ही ईरान में हिजाब के खिलाफ बहुत से विरोध प्रदर्शन हुए हैं, और उनकी संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। विधेयक पास करने का मकसद जनता को यह समझाना है कि हिजाब कानून की पालना जरूरी है, एवं इस बात का सख्ती से पालना करें ताकि सोशल ऑर्डर बना रह सके।
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