हाईलाइट्स जी-20 समिट के डिनर में ममता बनर्जी का शामिल होना कांग्रेस को अकड़ा
जम्मू-कश्मीर में हुए गठबंधन के उपलक्ष्य मनाए गए राजनीतिक खाद्यसंगोष्ठी में, हाल ही में हुए हाईलाइट जी-20 समिट के समय ममता बनर्जी ने अपनी मौजूदगी से कांग्रेस और टीएमसी के बीच विवाद पैदा किया है। इस कारण, उनके शामिल होने के बाद कांग्रेस पहले ही हायरकी की गई थी, जब उन्हें जी-20 शिखर सम्मेलन की बुधवार इंटरनेशनल डिनर पार्टी में सम्मिलित होने का मौका मिला। यह घटना राष्ट्रीय राजनीति में एक नयी घटना का उजागर होने का भी संकेत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल उठाए, जिसके चलते उनके बीच विवाद पैदा हुआ है। चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी के विचार प्रतिस्पर्धी दलों के साथ मेलजोल नहीं हो सकते हैं, क्योंकि इससे उनके पक्ष के कई नेता असंतुष्ट हो सकते हैं।
कांग्रेस और टीएमसी के बीच पहले से ही एक सांसदीय मुद्दे पर विवाद चल रहा है। वाराणसी सांसद श्रीशैलम्पूरी से प्रश्न करने पर चौधरी ने कहा कि उन्होंने प्रोटोकॉल कानूनों का पालन किया है और प्रशासनिक कारणों से वह ममता बनर्जी के फैसले को मान्य नहीं करने की मांग करते हैं। वे भी कहते हैं कि इससे वे और ममता बनर्जी के साथ लड़ाई कर रहे हैं और उनके खुलासे के कारण ही संघी दल उनपर हमला कर रहा है।
भाजपा ने उनकी सगाई पर भी टिप्पणी की, जिसके चलते कांग्रेस के सभी नेता उठाई आवाज़ रहे हैं। पहले से ही ममता बनर्जी के फैसले के बारे में विपक्षी दलों के बीच जमकर बहस हो रही थी, जिसे कांग्रेस के बड़े नेताओं ने समर्थन दिया है। इससे पहले छुट्टी के बाद ममता ने अपने मौजूदगी का इशारा करते हुए टिएमसी नेताओं के अब तक के शब्दों की प्रशंसा की।
ममता बनर्जी के डिनर में शामिल होने के कारण एक राजनीतिक बवाल हुआ है। उनके मौजूदगी से संविधानिक एकता की आखिरी आशा को भी खारिज कर दिया गया है। इससे साफ जहां तक नजर आता है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मनोबल झुका लिया है और उनके खिलाफ विमर्श करने वाले सांसदों को धमकियाँ दी जा रही हैं। वहीं, कांग्रेस के सभी नेता ज्यादातर ममता बनर्जी के फैसले का समर्थन कर रहे हैं। यूपीए की प्रमुख ममता बनर्जी ने यह भी कहा है कि उनकी मौजूदगी के कारण कांग्रेस और टीएमसी के बीच मतभेद घटा है और व्यापार और निकट सहयोग के आकांक्षा के साथ ही देश और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर बड़ी बातचीत हो सकती है। इसके अलावा, टीएमसी नेताओं ने भी ममता बनर्जी की मौजूदगी की सराहना की।
इस तरह, ममता बनर्जी के डिनर में शामिल होने ने विपक्षी दलों के बीच अजीबोगरीब पल पैदा कर दिए हैं। इसमें हाईलाइट जी-20 समिट के तथ्य का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसमें ममता बनर्जी के समर्थन के बावजूद उनके मौजूदगी को मान्यता नहीं मिली है।
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