ग्वालियर में डेंगू के मामलों में तेजी से बदल रही है। इस महीने के पहले हफ्ते में ही 766 मरीजों की संख्या दर्ज हुई है। जबकि पिछले साल इसी समय तक कुल मरीजों की संख्या 101 थी।
इस चिंताजनक स्थिति के बाबजूद डेंगू निगेटिव रिपोर्ट देने वाले मरीजों की प्लेटलेट्स कम हो रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक यह बात गवाही दे रही है कि वायरस के बदले नेचर को लेकर उपचार देने में गफलत हो रही है। कुछ संदिग्ध मरीजों की उपचार विधि में डेंगू के लाइक इनलेस को माना जा रहा है, जिसके कारण प्लेटलेट्स के लेवल में गिरावट हो रही है।
डेंगू दूसरे बीमारियों की वजह से और कुछ मामलों में निगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद सभी मरीजों को परेशानी हो रही है। इससे महज 42 मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
वायरल फीवर के मरीजों में बढ़ती प्लेटलेट्स को एरिया के कमजोर डॉक्टरों की ज़िम्मेदारी बनानी पड़ी है। कुछ डॉक्टरों ने बताया कि वायरल बुखार में प्लेटलेट्स गिरते नहीं हैं। हालांकि, इम्यूनिटी कमजोर लोगों में डेंगू और वायरल बुखार का रिस्क अधिक होता है।
केवल अधिकांश डेंगू के मरीज बच्चे और बुजुर्ग ही नहीं हैं, बल्कि अब युवा भी इस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। डेंगू के मरीजों में इजाफा होने के बावजूद अभी भी सरकार जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। स्वच्छता और हाथ धोने के बावजूद इस बीमारी में तेजी से इर्द-गिर्द हो रही मौतें चिंता का विषय हैं।
इस संक्रमण से बचाव के लिए आहार में प्रोटीन और पौष्टिक आहार का सेवन करना अत्यंत ज़रूरी है। जो लोग निरोगी आहार और प्राकृतिक जीवन शैली अपनाते हैं, उन्हें डेंगू, वायरल फीवर और अन्य संक्रमणों से बचने की अधिक संभावना होती है।
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