“ताइवान चुनाव में कट्टर चीन विरोधी पार्टी की प्रचंड जीत को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है और ताइवान उसका हिस्सा है और इस तथ्य में किसी भी कीमत पर बदलाव नहीं होगा। चीन ने कहा कि हम ‘एक चीन सिद्धांत’ में विश्वास करते हैं और ताइवान की स्वतंत्रता का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता के लिए एक चीन सिद्धांत मजबूत स्तंभ है। ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DTP) के नेता लाई चिंग ते (Lai Ching-te) ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। चीन और ताइवान का रिश्ता अलग है, चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है और उसका मानना है कि ताइवान एक दिन उसका हिस्सा बन जाएगा। ताइवान खुद को आजाद देश मानता है और उसके साथ डिप्लोमैटिक रिलेशन बनाए हैं।”
चीन ने की चेतावनी ताइवान की चुनावी जीत के बाद, दवोस में आयोजित वैश्विक सदन में जाएगा ताइवान का प्रतिनिधित्व
लोकतंत्रिक नगरी ताइवान ने हाल ही में आयोजित हुई अपने अद्यतित महनगरीय चुनाव में विशेष जीत की है, जिसे अपने पड़ोसी देश चीन ने खूब दिखाकर देखिया है। ताइवान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है और ताइवान उसका हिस्सा है, जिसमें कोई बदलाव नहीं होगा। ताइवान की यात्रा को चीन ने विरोध किया है।
इस महिला प्रधानमंत्री के साथ चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सत्ता बढ़ाने के लिए नई स्वतंत्रता की दिशा में कदम उठाया है। चिंग ते ने जीत के बाद घोषणा की है कि उनकी पार्टी ताइवान की जनता से सहमति लेकर ताइवान की शांति और स्थिरता के लिए कड़ी मेहनत करेगी।
चीन के विदेश मंत्रालय ने चुनाव के बाद उठाया एक और मुद्दा है, यह कहा है कि विश्व में सिर्फ एक चीन है और दूजा चीन का अभिप्रेत मानना नहीं चाहिए। इस मामले में कई अन्य देशों के बारे में भी चीन ने इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जाहिर की है।
ताइवान का जनता ने पहले से ही चीन के साथ अपने बुलंद समीकरण को लेकर अद्यतित महनगरीय चुनाव का निर्णय लिया है। ताइवान का नया राष्ट्रपति भीतरी राजनीति का एक अनुभवी व्यक्ति है, जो चीन के प्रति अपने विचारों को साझा करते हुए यह कहती है कि वह चीन को अपना प्रांत या देश नहीं मानता है।
ताइवान अपनी आजादी से गर्व करता है और अपने डिप्लोमैटिक रिश्तों को मजबूत बनाए रखना चाहता है। ताइवान ने एक विश्वस्तरीय सदन में प्रतिनिधित्व का कार्य सुरु किया है, जिसके दौरान यह परिभाषित करेगा कि क्या यह वास्तव में एक विस्तार क्षेत्र है या एक अपने-आपको स्वतंत्र देश की स्वतंत्र जारी रखने वाली उच्चस्तरीय शासनकक्ष है।
ताइवान की विजय के बाद से, राष्ट्रपति चुनाव की जीत के पश्चात, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन-ताइवान संबंधों को बदलने की धमकी दी है। चीन ने बताया है कि ताइवान उसका हिस्सा है और यह कभी नहीं बदलेगा। यह संघर्ष ताइवान और चीन के बीच आने वाले दिनों में मजबूत रहेगा।
“Social media scholar. Reader. Zombieaholic. Hardcore music maven. Web fanatic. Coffee practitioner. Explorer.”