पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को अपने ही देश में घनघोर बेइज्जती का सामना करना पड़ा है। इस अफसर के खिलाफ इतना बड़ा आरोप लगाया गया है कि वह राष्ट्रपति अल्वी के साथ काम करने से मना कर दिया है। इसके अलावा दो विवादास्पद विधेयकों को लेकर भी इस मुद्दे पर विवाद हो रहा है। राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रमुख सचिव को हटाने का अनुरोध किया था, लेकिन उसकी जगह नियुक्ति की गयी अधिकारी ने भी राष्ट्रपति के साथ काम करने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने विधेयकों पर सहमति नहीं जताई है और प्रमुख सचिव की जगह ग्रेड-22 अधिकारी को स्थानांतरण मिली है। इस मामले में पक्षों में विशेषज्ञ ने तबादले और पोस्टिंग की संभावना पर विचार किया है, लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग की अनुमति के बिना तबादला और पोस्टिंग संभव नहीं है। वकार अहमद बिलों के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि राष्ट्रपति अल्वी ने विधेयकों पर सलाह देने के लिए समय मांगा था।
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