अमेरिका के विदेश मंत्री, एंटनी ब्लिंकेन, मिडिल ईस्ट के दौरे पर हैं। यह उनका चौथा मिडिल ईस्ट का दौरा है, जिसमें उन्होंने जॉर्डन के राजा और विदेश मंत्री से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने अम्मान में विश्व खाद्य कार्यक्रम के एक वेयरहाउस का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कई अहम मुलाकातें भी की।
इस दौरे के दौरान किंग अब्दुल्ला ने उन्हें बताया कि अमेरिका ने इजरायल पर दबाव बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई थी। वहीं जॉर्डन के विदेश मंत्री ने टू स्टेट सॉल्यूशन के आधार पर वेस्ट बैंक और गाजा को एक साथ लाने की संभावना पर चर्चा की।
यह दौरा अपनापने बेरूत में ड्रोन हमले में हमास के एक नेता की हत्या होने के बाद हुआ। नवंबर में इससे पहले ब्लिंकेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो अभी हाल ही में इस क्षेत्र में मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सहयोग का आह्वान किया था, उन्होंने इस दौरे का अभिनंदन भी किया।
यहां तक कि वे वेस्ट बैंक और इजरायल में भी दौरे करेंगे। इन दौरों के दौरान उन्होंने गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने और क्षेत्र की स्थिति को सुधारने की चर्चा की।
ब्लिंकेन के दौरे के समापन पर उन्होंने यह संदेश दिया कि उनका मिशन द्वारा दिए गए संकेतों पर आधारित है और यह इस क्षेत्र की सुरक्षा, स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वे भी यह दावा करते हैं कि अमेरिका संबंधित देशों के साथ मिलकर इस क्षेत्रीय मुद्दे को हल करने के लिए आगे बढ़ाएगा।
ब्लिंकेन के दौरे का महत्वपूर्ण हिस्सा थी इस क्षेत्र में विक्रमशीलता और सभी देशों के बीच आपसी समझौतों को बढ़ावा देना। इससे पहले भी अमेरिका ने इस क्षेत्र के मुद्दों को तस्वीर की तरह उठाने का प्रयास किया है, और इस बार यह दौरा उनकी इस परंपरा का एक और महत्वपूर्ण चरण है।
अब ऐसा लगता है कि बीच अप्रत्याशित मानसिकता के बावजूद, इंतिफादा (सुलह) की कामयाबी की उम्मीद आगे बढ़ेगी। ब्लिंकेन के दौरे के बाद अब यह हमें देखना होगा कि मुद्दों का हल तब होगा, जब बातचीत और और एकता आपस में होगी।
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