इजरायल ने भारतीय वायुसेना को नये साधन दिये हैं। इस बारे में आज एक विशेष समाचारी रिपोर्टर आपको जानकारी देने जा रहा है। इजरायल ने भारतीय वायुसेना को स्पाइक एंटी टैंक NLOS गाइडेड मिसाइलें दी हैं। ये मिसाइलें पाकिस्तान में हड़कंप पैदा कर देगी, क्योंकि इनकी तैनाती पाकिस्तान की सीमा पर हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन मिसाइलों को वायुसेना की एमआई-17 अपाचे हेलिकॉप्टरों पर तैनात किया जाएगा। इसे टार्गेट पर सेट करने के बाद ये मिसाइल दुश्मन को पूरी तरह से तबाह कर सकती है। इसकी दूरी पाकिस्तान और चीन तक है। इस मिसाइल को राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने तैयार किया है। इस मिसाइल को आसानी से उठाया जा सकता है और ट्रॉईपॉड और बाईपॉड से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल का निशाना अंधेरे में भी सटीक लगाया जा सकता है। ये मिसाइलें अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया और भारत के पास हैं। भारतीय वायुसेना को इस मिसाइल से मजबूती मिलेगी और इससे दुश्मनों को डर भी होगा।
इसके अलावा, इजरायल ने भारत को टेक्नोलॉजी में भी महत्वपूर्ण सहायता दी है। भारतीय वायुसेना को स्पाइक एंटी टैंक मिसाइलों की आवश्यकता थी और इंडियन एयरफोर्स के यूनिट को खुदरा उपकरणों की आवश्यकता का आभास दिया गया था। इससे भारत के लिए एक खास क्षेत्र में सुरक्षा में सुधार हुआ है और दुश्मनों को आत्मविश्वास में भी कमी हुई है। इससे वायुसेना के सामरिक दम में बढ़ोतरी हुई है और वे दुश्मन के प्रतिकूल कार्रवाई पर तैनात हो सकते हैं। क्योंकि ऐसे उपकरण दूरी से भी निशाना लगा सकते हैं और वे उन्हें पूरी तरह से तबाह कर सकते हैं।
यहां तक की इसमें रॉकेट्स और स्पॉटलाइट के प्रयोग की भी क्षमता है। इसके अलावा, इस उपकरण को राजमार्ग और झीलों पर भी उठाया जा सकता है। ये मिसाइलें ब्रिज और किनारों पर भी टार्गेट सेट कर सकती हैं। इसका आकार भी ऐसा है कि इसे ट्रक के पीछे आसानी से बैठा और सुरंगों में प्रवेश करुण जा सकता है। इसका उच्च निम्न तापमान संग्रहण करने की भी क्षमता है जिससे इसे हर क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे ये स्पाइक मिसाइलें एक प्रभावी और चुनौतीपूर्ण विकल्प हैं। इसके अलावा, ये राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देंगी और हमें गर्व महसूस होता है कि इमारतें का और सुरक्षा का यह कार्य भारतीय कंपनी ने किया है।
इस बारे में हमारे संपर्क में आये व्यक्ति ने हमें बताया कि ये मिसाइलें उन देशों के पास हैं जो कि दुनिया के सबसे मजबूत और प्रगतिशील देश माने जाते हैं। इससे भारत का भी नाम विश्व में दमदार होगा। इसके साथ ही, ये विकल्प वायुसेना को एक ताकतवर और प्रभावी सेना बनाए रखने में मदद करेगी। ये उपकरण हमारे दुश्मनों की घबराहट और उनके पर्यवेक्षण में कमी लाएगी। इससे हमारी सेना आत्मविश्वास में और अधिक सुदृढ़ होगी और वे दुश्मन के प्रतिकूल कार्रवाई पर तैनात हो सकते हैं। ये सभी बातों को देखते हुए हमें गर्व होता है कि भारतीय वायु सेना ने इस मिसाइल की तैनाती को स्वीकार किया है और इससे दुश्मनों के मन में भौंकने की भी संभावना हुई है। हमें आशा होती है कि ये सहायता हमेशा और देश की सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
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