“स्वातंत्र्यवीर सावरकर” देश की वो फिल्म जिसे देखने के बाद आपके दिमाग में एक खास मंच समाहित हो जाएगा। इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने अपनी अद्भुत एक्टिंग के माध्यम से दर्शकों का दिल जीत लिया है। फिल्म में उनके किरदार ने कैसे अपनी चुनौतियों का सामना किया और उन्होंने अपने किरदार को जीवंत कर दिखाया, इस पर चर्चा की गई है।
फिल्म में गांधी और सावरकर की मुलाकात के सीन की भी खास प्रस्तुति है जो दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। प्रोटैगनिस्ट की नजर से इतिहास की ग़लत दृष्टिकोण की चुनौतियों पर फिल्म में चर्चा की गई है।
फिल्ममेकरों की कला, कलाकारों के खासियत और कहानी के अंत का विश्लेषण करते हुए फिल्म के सेकंड हाफ की धीमी गति और कहानी की विवेचना भी की गई है। फिल्म में विषय पर वाद-विवाद की हलचल और विनायक दामोदर सावरकर की दृढ़ता का भी उल्लेख किया गया है।
यह फिल्म उन लोगों के लिए एक वास्तविक धरोहर है जो भारतीय इतिहास और राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं। ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ नाम की इस फिल्म ने दर्शकों को पूरी तरह से मंचाहट दे दी है।
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